कलियर रिपोटरअनवर राणा
सह संपादक अमित मंगोलिया
वर्ष 2018-19 के ठेको का करोड़ो रूपये वक्फ व दरगाह प्रशासन के चहेते रिश्तेदारों पर बकाया,दरगाह प्रशासन मौन
दरगाह पिरान कलियर के वर्ष 2018-19 का करोड़ो रूपये शर्तो का उलंघन कर कुछ कथित वक्फ व दरगाह प्रशासन के रिश्तेदारों पर आज तक बकाया चल रहा है ।ओर दरगाह प्रशासन अवैध कमाई कर ठेकेदारों से इस वर्ष का बकाया वसूलने में भी नाकाम हो गया है। जिससे दरगाह का करोड़ो रूपये दरगाह प्रशासन व वक्फ बोर्ड सी ई ओ अलीम अंसारी की मिलीभगत के कारण डूबता दिखाई दे रहा है गौरतलब बात यह है कि पूर्व के ठेकेदारों की बड़ी बड़ी होर्डिंग मैन जगहों पर लगाकर दरगाह प्रशासन ने लगभग एक साल पहले तुरन्त बकाया वसूलने की प्रकिर्या शुरू की थी ।लेकिन दरगाह प्रशासन अपनी भृष्ट नीति के कारण एक फूटी कौड़ी भी आज तक वसूल नही कर पाया और पूर्व के ठेकेदार आलीशान गेस्ट हाउस व कोठिया बनाकर मौज कर रहे है ।जबकि दरगाह का लगभग बारह करोड़ रुपया पूर्व के ठेकेदारों ने खपा लिया है।क्योंकि जब रक्षक ही भक्षक बन गए हों तो फिर डर कहें का वाली कहावत वक्फ बोर्ड सी ई ओ व दरगाह प्रशासन पर फिट हो रही है। इस वर्ष के ठेके की एक दुकान पर 54 लाख रुपया दरगाह के बकाया होने पर भी ठेका निरस्त नही किया जा रहा है ।यह भी चर्चा का विषय बना है जबकि छह ठेको में से सिर्फ एक तहबाजारी का ठेका निरस्त करने से दरगाह दफ्तर का भ्र्ष्टाचार जग जाहिर हो गया है। क्योंकि तहबाजारी ठेकेदार द्वारा दरगाह दफ्तर के कारकुनों द्वारा घुस मांगने पर मना करने से खिन्न दरगाह प्रशासन ने रंजिशन ठेके को निरस्त कर दिया जबकि उक्त मामला उच्च न्यालय नैनीताल में लगभग छह माह से विचाराधीन है।ऐसा ही कारनामा दरगाह दफ्तर का अस्थायी 9 दुकानों की नीलामी व राशिद काटने में सामने आ चुका है।ओर रशीद कटवाने वाले व सर्वोत्तम बोली लगाने वाले दुकानदारों को अभी तक कब्जा नही दिलाया गया है जिससे दरगाह प्रशासन का भ्र्ष्टाचार प्रत्यक्ष रूप से उजागर होने पर भी उच्च अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नही की है।जिससे दरगाह की आय को मोटा नुकसान दरगाह प्रशासन व वक्फ बोर्ड सी ई ओ द्वारा जानबूझकर दिया जा रहा है।और दरगाह प्रशासन व वक्फ बोर्ड सी ई ओ अवैध कमाई कर दरगाह की आय को पलीता लगाने में ही अपना धर्म व कर्म समझ रहा है।*
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