पीयूष वालिया
सोमवती अमावस्या पर करीब 40 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। देश के तमाम राज्यों से श्रद्धालुओं से हर की पैड़ी समेत गंगा के तमाम घाट पटे रहे। कहीं तिल रखने को भी जगह नहीं थी। तीन डुबकी लगाने का भी किसी को मौका नहीं मिला। एक डुबकी के बाद ही स्वयंसेवी और पुलिस कर्मियों ने श्रद्धालुओं को गंगा से बाहर निकाल लिया। हर की पैड़ी पर तो आलम यह था कि श्रद्धालुओं के केवल सिर ही सिर नजर आ रहे थे।
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