संपादक पीयूष वालिया
यह आम धारणा है कि पुलिस घटना के बाद मौके पर आती है, लेकिन देहरादून की रायपुर पुलिस ने इस मिथक को तोड़ दिया है। पत्नी की जान लेने पर अमादा पति के खुखरी के वार को Uttarakhand Police के कांस्टेबल ने अपने ऊपर लेकर महिला को बचा लिया। शनिवार रात करीब 11.35 बजे पुलिस कंट्रोल रुम देहरादून के फोन की घंटी बजी। फोन उठाया तो दूसरी ओर से बेहद घबराई हुई महिला सुरक्षा की गुहार लगाने लगी। लड़खड़ाती जुबां में वह बस इतना ही बोल पाई- मुझे बचा लो। मैं रायपुर से बोल रही हूं। मेरा पति मुझे खुंखरी से मारने वाला है। इस पर तुरंत कंट्रोल रुम से रायपुर थाने को सूचना दी गई। ठीक दस मिनट बाद उत्तराखण्ड पुलिस के दो जवान भारती के घर पहुंच गए। पुलिस की इसी फुर्ती से भारती की जान बच गई।
यह घटना देहरादून के रायपुर थाना क्षेत्र के नेहरुग्राम की है। भारती नाम की महिला ने डायल 112 पर सूचना दी कि नशे में धुत उसका पति रिटायर्ड फौजी संदीप सिंह रावत उसकी हत्या करने पर आतुर है। सूचना पर चीता मोबाइल के कांस्टेबल राजेश कुंवर और गोपाल दास तुरंत मौके पर पहुंचे। उस समय संदीप हाथ में खुखरी लेकर पत्नी से मारपीट कर रहा था। पुलिसकर्मियों ने उसे समझाने का प्रयास किया, लेकिन संदीप खुखरी से अपनी पत्नी भारती पर प्रहार करने लगा। कांस्टेबल राजेश कुंवर ने बीच में आकर वार को विफल कर दिया, पर खुखरी के हमले से राजेश के माथे और आंख के नीचे घाव हो गया और खून बहना शुरु हो गया। कांस्टेबल राजेश ने हिम्मत नहीं हारी और कांस्टेबल गोपाल दास के साथ मिलकर आसपास के लोगों के सहयोग से संदीप को पकड़ लिया। संदीप सिंह रावत के खिलाफ पुलिस कांस्टेबल पर जानलेवा हमला करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
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