Site icon Memoirs Publishing

उत्तराखंड में भारी जुर्माने के विरोध में निजी वाहनो की हड़ताल से आमजन की फ़ज़ीहत

रुड़की रिपोर्टर इरफान अहमद
सह संपादक अमित मंगोलिया

देहरादून: उत्तराखंड में लगभग डेढ़ लाख निजी वाहन संचालक मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माना राशि कई गुना बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले के विरुद्ध हड़ताल पर चले गए। प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर न तो सिटी और निजी बसें चलीं। एक दिन की इस हड़ताल से पूरे प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गई।
हड़ताल के चलते आमजन, दैनिक यात्रियों, बाहरी शहरों के यात्रियों व स्कूली बच्चों को इस दौरान सुबह से ही परेशानी उठानी पड़ी। हरिद्वार में तो कई स्थानों पर स्कूली वाहनों को हड़तालियों ने जबरन रोककर बच्चों को नीचे उतार दिया। उत्तराखंड परिवहन महासंघ ने राज्य सरकार से जुर्माना दरें न बढ़ाने की मांग की है। महासंघ ने इस बात पर एतराज जताया है कि सरकार की ओर से ट्रांसपोर्टरों से हड़ताल के संबंध में कोई बातचीत करने के कोई प्रयास नहीं किए गए।
नए मोटर वाहन अधिनियम में परिवहन व यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर कड़े नियम-जुर्माने को लेकर उत्तराखंड परिवहन महासंघ ने आज के लिए प्रदेश में सार्वजनिक वाहनों के चक्का-जाम का एलान कर रखा है। इस संबंध में महासंघ ने सचिव परिवहन शैलेश बगोली से मुलाकात की थी। महासंघ ने आज होने जा रही राज्य कैबिनेट की बैठक में जुर्माना नहीं बढ़ाने का प्रस्ताव लाने की मांग की है

Share this content:

Exit mobile version