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नय्यर काजमी द्वारा एआईएमआईएम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की मार्फ़त कलियर विधानसभा के नेताओ की बढ़ाई चिंता,,,।* *नय्यर काजमी की कलियर सकिरयता से फुरकान को होगा बड़ा राजनीतिक नुकसान,,

नय्यर काजमी द्वारा एआईएमआईएम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की मार्फ़त कलियर विधानसभा के नेताओ की बढ़ाई चिंता,,,।*

*नय्यर काजमी की कलियर सकिरयता से फुरकान को होगा बड़ा राजनीतिक नुकसान,,,*

रिपोर्टर आदेश कुमार पिरान कलियर
सह संपादक अमित मंगोलिया

विगत दो दिन पूर्व नय्यर काजमी ने ताकत का अहसास कराने के लिये एआईएमआईएम के यू पी अध्यक्ष शौकत अली को रुड़की बुलाकर व कार्यक्रम में आम आदमी के कलियर नगर पंचायत सदस्य व अन्य लोगो की मौजूदगी से आगामी विधान सभा चुनाव 2022 की हलचल तेज कर दी है ।वहीं लंबे समय से क्षेत्र से दूरी बनाये स्थानीय विधायक हाजी फुरकान ने भी नयी पारी के आगाज को रेन बसेरा कलियर में अपने व अपनी पार्टी कोंग्रेस के चन्द समर्थकों को इकठ्ठा कर बिल के विरोध के नाम पर अपनी राजनीति को ही धार देने का काम शुरू कर दिया गया है।लेकिन जिला पंचायत की राजनीति में उलझे पूर्व विधायक हाजी सहजाद ने राजनीति की स्किर्यता को अभी नही बढ़ाया है कुछ समर्थकों का तर्क है कि हाजी सहजाद कलियर से चुनाव नही लड़ने का मन बना चुके है,अब वह दूसरी जगह अपनी किस्मत आजमा कर देखना चाहते हैं। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र वाली कलियर विधान सभा पर पिछले दो चुनाव में तिकोना संघर्ष होता रहा है।जहां 2012 में बसपा,कोंग्रेस व भाजपा का तिकोना मुकाबला हुआ ओर बहुत कम अंतर से कोंग्रेस पार्टी के हाजी फुरकान ने बाजी मार ली थी वही भाजपा व बसपा भी काफी अच्छा दम दिखाकर हार चुकी थी।फिर 2017 में भी बसपा द्वारा एन वक्त पर हाजी सहजाद को टिकट छीनकर पैदल कर दिया गया था ओर हाजी सहजाद निर्दलीय व कोंग्रेस तथा भाजपा के बीच कांटे के चुनाव में भी कोंग्रेस ने बाजी मारी, ओर निर्दलीय के रूप में भी हाजी सहजाद साढ़े चोबीश हजार वोट बटोर ने में कामयाब रहे भाजपा दूसरे नम्बर की पार्टी रही।अब सी ए बी व नागरिकता संशोधन बिल के विरोध के बहाने फिर कलियर विधान सभा को लेकर राजनीति की लड़ाई में नय्यर काजमी के कदमो से दिग्गज नेताओं के माथे पर चिंता की लकीर साफ झलकती दिखाई देने लगी है।क्योंकि नय्यर काजमी की बिरादरी के जो निर्णायक वोट कलियर विधान सभा मे है उनकी रुड़की कार्यक्रम में हुई उपस्थिति से कलियर की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ना ही माना जा रहा है।क्योंकि नय्यर काजमी ने नगर पंचायात सदस्य दानिश साबरी को स्टेज पर बैठाकर संकेत तो दे दिए है।इसलिये अपने आपको राजनीति के धुरेन्द्र समझने वाले नेताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई देना शुरू हो चुकी है ।

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