अमित मंगोलिया
हरिद्वार आप सभी से एक सवाल है कि जब स्कूल के टीचर ऑनलाइन स्टडी करवा रहे हैं तो स्टूडेंट के गार्जियन बुक्स और नोटबुक लेने के लिए मार्केट में क्यों आ रहे हैं। जबकि कोरोना की वजह से फुल लॉक डाउन चल रहा है गार्जियन मार्केट में आकर अपने लिए तो प्रॉब्लम क्रिएट कर रहे हैं और साथ में हम में से कुछ लोग लालच में आकर सामान बेचने के लिए चुपके से सामान सेल करने के लिए शॉप पर आ रहे हैं और फिर चालान कटने पर दुख जता रहे हैं इसके साथ ही साथ कोराना को बढ़ाने में भी हेल्प कर रहे हैं। अब जो नियम फॉलो नहीं करेगा तो चालान तो भुगतना ही पड़ेगा इसमें कोई आश्चर्य वाली बात नहीं है। कुछ लोगों को शायद ज्यादा डर सता रहा है कि उनका सामान सेल नहीं होगा इसलिए गलत तरीके से सामान सेल कर रहे हैं क्या हमने सामान मंगवाया हुआ नहीं है या हमारी शॉप नहीं है? क्या हम लोग बेवकूफ हैं जो अपनी शॉप बंद करके घर में बैठे हैं ।जिनके स्कूल से कॉन्ट्रैक्ट है उनको कम से कम स्कूल के प्रबंधन से इतना तो कहना चाहिए कि आप अगर ऑनलाइन स्टडी करवा रहे हैं तो होमवर्क भी ऑनलाइन करवाएं। जिससे गार्जियन बिना वजह सामान खरीदने के लिए बाहर ना निकले । ना गार्जियन बाहर आएंगे और ना ही आप लोग सामान गलत तरीके से सेल करने शॉप पर जाएंगे। जब आप लोग सामान अभी नहीं देंगे तो अपने आप मजबूर होकर गार्जियन को सामान बाद में ही मिलेगा जिससे आपका सामान भी सही तरीके से और सही समय पर सेल होगा। अब या तो वह व्यक्ति शॉप की सेल देख ले या कोरोना को? अगर गलती करेगा तो सरकार के द्वारा सजा तो भुगतनी पड़ेगी। ऐसे में कोरोना कम नहीं होगा उल्टा बढ़ता रहेगा जिससे कि लॉक डाउन जारी रहेगा । इससे हमारी शॉप ज्यादा दिनों के लिए बंद रहेंगी। इसलिए मेरा तो कहना है कि जिनके स्कूल से कॉन्ट्रैक्ट हैं वह स्कूल के प्रबंधन से रिक्वेस्ट करें कि गार्जियंस को बुक्स या स्टेशनरी लेने के लिए अभी दबाव ना बनाएं । जिससे आप लोगों के लिए समस्या खड़ी ना हो जाए। मुझे ऐसा इसलिए कहना पड़ा क्योंकि मुझे पता चला कि कुछ लोग इस लोक डाउन में गलत तरीके से सामान सेल कर रहे हैं। अगर मेरा स्टेटमेंट सही लगता हो तो कृपया गौर करें यह लॉक डाउन और बिजनेस की समस्या सिर्फ हम लोगों की नहीं है बल्कि हमारे जैसे बहुत सारे लोगों की है जिनके काम लोक डाउन की वजह से बंद है।
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