मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रमजान के पहले जुमे की नमाज घरों में की अदा
प्रभारी डॉ मो मुकर्रम मलिक
सह संपादक अमित मंगोलिया
कोरोना संकट के चलते लागू किए गए लॉकडाउन पार्ट 2 के बीच मुस्लिम धर्म में सबसे पवित्र माने जाने वाले रमजान माह का आज सातवां रोजा है। साथ ही रमजान माह का पहला जुमा भी है। लॉकडाउन के चलते रोजेदार घरों में रहकर ही रोजा रखकर इबादतें कर रहे हैं।
पहले जुमे के दिन भी लोगों ने आज घरों में ही नमाज अदा की। रमजान माह में आने वाले जुमे का काफी विशेष महत्व माना जाता है। धार्मिक उलेमाओं ने भी लोगों से घरों में रहकर ही जुमे की नमाज अदा करने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की अपील जारी की है।
आमतौर पर रमजान माह का मुस्लिम धर्म में काफी महत्व है। इबादतों के इस माह का लोग साल भर इंतजार करते हैं। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रमजान माह में काफी रौनक देखने को मिलती है। तड़के ही लोग रोजा रखने के लिए सेहरी करते हैं। और उसके बाद दिन भर इबादत करतें हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते मस्जिदों में सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने की बजाए लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने घरों में ही रहकर इबादतें और तिलावतें कर रहे हैं।
वहीं रमजान माह के दौरान आने वाले जुमे की नमाज में काफी भीड़ देखने को मिलती थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। 25 मार्च से शुरू हुए रमजान माह के दौरान इस बार 4 जुमे आएंगे। सबसे आखिर में अलविदा जुमा आएगा। जिसकी इस्लाम में काफी विशेषता है।
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