नई दिल्ली. कोरोना वायरस के चलते लोगों के जीवन जीने के साथ ही कामकाज के सामान्य तरीकों में भी बदलाव कर दिया है. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा की. इससे देश की पूरी आबादी अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गई. फ्लाइट्स, ट्रेन, जहाज और सड़क परिवहन को भी बंद कर दिया गया. ऐसे में एक से दूसरी जगह जाना लोगों के लिए मुसीबत बन गया. ऐसे हालात में लोगों ने अपने वाहनों को प्राथमिकता दी. सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफेक्चरर्स (SIAM) और ग्रांट थॉमसन इंडिया (GTI) के सर्वे में पाया गया है कि करीब 73 फीसदी लोग अर्थव्यवस्था में सुधार होने पर नया वाहन खरीदना चाहते हैं.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर को सुरक्षित नहीं
सर्वे में दो स्पष्ट ट्रेंड दिख रहे हैं. पहला, ज्यादातर लोग निजी वाहनों (Personal Vehicles) से सफर करने को तव्वजो दे रहे हैं. ऐसे लोग सार्वजनिक परिवहन (Public Transport) में सफर को सुरक्षित नहीं मान रहे हैं. बदहाल भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) और इसका प्रभाव लोगों के नई चिंता का विषय बना हुआ है. इसकी वजह से लोग नया वाहन खरीदने से कतरा रहे हैं. दूसरा, कोविड-19 के कारण पहले गाड़ी नहीं खरीदने वाले लोग भी अब अपना वाहन खरीदना चाहते हैं. सर्वे के दौरान मेट्रो (Metro) और गैर-मेट्रो शहरों (Non-Metro Cities) के 57 फीसदी लोगों ने कहा कि रोजाना आने-जाने के लिए वे यात्री वाहनों का इस्तेमाल करना चाहते हैं.
20% लोग लोकल एरिया के लिए चाहते है अपनी 2-wheeler.
रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे में शामिल 20 फीसदी लोगों ने कहा कि वे दोपहिया वाहन (2-Wheeler) लेने की इच्छा रखते है. वहीं, 20 फीसदी लोग इलेक्ट्रिक वाहन (E-Vehicle) खरीदने की योजना बना रहे हैं. कोरोना संकट के बीच 68 फीसदी लोग शोरूम जाकर वाहन खरीदना चाहते है. वहीं, 25 फीसदी लोगों ने कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचने के लिए ऑनलाइन चैनल्स (Online Channels) के जरिये व्हीकल की खरीद को तरजीह दी. इसके अलावा 7 फीसदी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platforms) के जरिये वाहन के चुनाव की बात की.
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