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लॉक डाउन में फसा फ्रांसीसी परिवार रम गया महराजगंज में

कोरोना के खतरे के चलते देश भर में लॉकडाउन लागू होने के कारण 22 मार्च से फ्रांस के टोलोस शहर का रहने वाला एक परिवार उत्तर प्रदेश के महराजगंज में फसा हुआ है. ये परिवार फरवरी के महीने से यात्रा पर निकला था और टूरिस्ट वीसा पर भारत आया था.

 

ये लोग 25 मार्च को नेपाल जा रहे थे लेकिन कोरोना के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा सील होने के कारण इनको रोक दिया गया जिसके बाद से ही ये लक्ष्मीपुर के एक मंदिर में रुके हैं.

उत्तराखंड में 25 दिन भ्रमण के बाद फिर से फ्रांसीसी परिवार को महराजगंज जिले में पहुँचे  l
बीते पांच माह निवास करने के बाद फ्रांसीसी परिवार दिल्ली जाने से पूर्व जिलाधिकारी से मिलकर उत्तराखण्ड पर्यटन के लिए अनुमति मांगी थीl 26 अगस्त को फ्रांसीसी सपरिवार अपनी बडी बेटी ओफली का स्वास्थ परीक्षण कराने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हुआ।
दिल्ली से आवश्यक कार्य निपटाने के बाद परिवार रास्ते मे पर्यटक स्थलों का निरीक्षण करते व दुरिज्म का लुत्फ उठाते हुए उतराखंड के प्रमुख स्थलों सहित धार्मिक स्थलों का दर्शन कर पुनः 25 दिनो बाद लक्ष्मीपुर ब्लाक के कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवां में शनिवार को देर शाम अपने वाहन व ट्राली से पैलेरस पैट्रिक जोसेफ, पैलेरस वर्गनी कार, बेटी ओफली व लोला जेनिफर, बेटा पैलेरस टाम व फ्रांसीसी परिवार का खास संजय यादव के साथ कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवां मे पहुंचा।

गांव मे पहुचते ही चाहने वाले व खास स्थानीय ग्रामीण, महिलाएं व बच्चों ने घेरकर कुशलक्षेम पूछा व जलपान भी कराया| फ्रांसीसी परिवार व स्थानीय लोगों मे एक दूसरे से मिलकर काफी खुश रहे। बता दें कि फ्रांस के टूलूज शहर से देशाटन पर निकला फ्रांसीसी परिवार पहली मार्च 20 को बाघा बार्डर होते हुए भारत में आया। जिन्हें भारत भ्रमण के बाद नेपाल जाना था। लेकिन कोराना संक्रमण के कारण नेपाल सीमा सील होने की दशा में परिवार कोल्हुआ उर्फ सिहोंरवा स्थित एक मंदिर में 22 मार्च 20 को अपना आशियाना बना लिया। जिसके बाद बीजा अवधि बढ़ाने को लेकर दिल्ली दूतावास संपर्क करने गये थे| इसके बाद उत्तराखंड भ्रमण पर गए वहां से फिर वापस चले आए।

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