एक तरफ जहां देशभर के लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में दशहरा मनाते हुए रावण का पुतला फूंक रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कानपुर के एक मंदिर में इसी दिन लंकापति रावण की पूजा की जाती है। विजयदशमी के दिन कानपुर स्थित मंदिर के बाहर रावण भक्तों की कतार लगती है। करीब डेढ़ सौ साल पुराना यह मंदिर शिवाला क्षेत्र में है।
इस मंदिर की खास बात यह है कि यह साल में केवल एक दिन भक्तों के लिए खुलता है।
विजयदशमी वाले दिन भगवान राम रावण का वध करते हैं। ठीक उसी दिन यहां पूजा करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं।
भक्तों का मानना है कि भगवान राम ने जब रावण का वध किया था, तब उन्होंने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को रावण से आशीर्वाद लेने के लिए कहा था, क्योंकि रावण बहुत बड़े ज्ञानी थे।
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