सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के चेयरमैन ली कुन-ही का रविवार को 78 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। अपने समय के सबसे महान टेक जीनियस कहे जाने वाले ली ने सैमसंग को बीते कुछ सालों में ही स्मार्टफोन, मेमोरी चिप्स और टेलिविजन की दुनिया की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी बना दिया। ली के नेतृत्व में सैमसंग की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस वक्त कंपनी का टर्नओवर दक्षिण कोरिया की जीडीपी का पांचवां हिस्सा है।
अपनी एकांत जीवनशैली के लिए पहचाने जाने वाले ली 1990 के दौर में फेफड़ों के कैंसर के शिकार हो गए थे। हालांकि, इससे उबरने के बाद उन्होंने सैमसंग को वैश्विक ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 2014 में उन्हें हार्ट अटैक आया था। तब भी उनकी स्थिति के बारे में ज्यादा जानकारी बाहर नहीं आ पाई थी। हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने सैमसंग के आगे ले जाना जारी रखा था।
सैमसंग ने अपने बयान में कहा कि चेयरमैन ली का 25 अक्टूबर को निधन हो गया। इस दौरान उनका परिवार उनके साथ था। इसमें कंपनी के वाइस चेयरमैन और उनके बेटे जे वाई ली भी उनके साथ ही थे।
बताया जाता है कि 1987 में जब ली को अपने पिता से सैमसंग ग्रुप की चेयरमैनशिप मिली, तब यह कंपनी पहले ही दक्षिण कोरिया में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर निर्माण के क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी थी। हालांकि, ली ने इस कंपनी को वैश्विक स्तर तक पहुंचाया। 2014 में उन्हें हार्ट अटैक आने तक सैमसंग पहले ही दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन और मेमोरी चिप निर्माता कंपनी बन चुकी थी। इसके अलावा सैमसंग सेमीकंडक्टर और एलसीडी डिस्प्ले बनाने वाली अग्रिम कंपनियों में भी शामिल थी। सैमसंग को दुनियाभर में लोकप्रिय कंपनी बनाने के बावजूद ली खुद सोल स्थित हेडक्वार्टर के प्राइवेट कंपाउंड से बेहद कम ही निकलते थे। इसीलिए बाद में उन्हें ‘हर्मिट किंग’ का नाम देकर संबोधित किया जाने लगा। उनके बेटे ली जे-योंग 2014 से सैमसंग का नेतृत्व संभाल रहे हैं।
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