दशहरा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है।भारत में दशहरा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का बड़ा प्रतीक माना जाता है। हिंदू पचांग के अनुसार, दशहरा दिवाली से ठीक 20 दिन पहले अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
इस साल दशहरा 25 अक्तूबर रविवार को मनाया जा रहा है।जाएगा। ज्योतिषियों के मुताबिक नवमी और दशमी तिथि को लेकर को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। रविवार को नवमी के साथ दशमी तिथि भी है। इसीलिए इसी दिन विजयादशमी भी मनाई जाएगी। विजयादशमी के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 2.18 बजे से 3.04 बजे तक है।
विजयदशमी के दिन शुभ मुहूर्त में शमी के पौधे के पास जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। प्रणाम कर शमी पूजन मंत्र पढ़े। इसके बाद यह प्रार्थना करें कि सभी दिशा-दशाओं में आप विजय प्राप्त करें। अगर आपके परिवार में अस्त्र-शस्त्रों की पूजा की जाती है तो एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर सभी शस्त्र उस पर रखें। फिर गंगाजल छिड़क कर पुष्प अर्पित करें। साथ ही यह प्रार्थना करें कि संकट पड़ने पर यह आपकी रक्षा करें। इस दिन भगवान श्रीराम की उपासना करने का बहुत अधिक महत्व होता है। एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान श्री राम की प्रतिमा स्थापित करें। फिर धूप, दीप और अगरबत्ती जलाकर भगवान श्री राम की उपासना करें। अंत में आरती करें।
क्यों मनाया जाता है दशहरा जाने
लंका में भगवान श्रीराम के हाथों रावण का वध होने के बाद से ही इसे मनाने की परंपरा चली आ रही है। वहीं इस दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का संहार भी किया था, इसलिए भी इसे विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। दुनिया भर में कोरोना काल के बीच भारत के तमाम उत्सव भी इस बार फीके नजर आ रहे हैं। देश भर में मनाया जाने वाला दशहरा का पर्व भी अब सांकेतिक तरीके से मनाया जाएगा।बढ़ते संक्रमण के बीच इस साल दुर्गा पूजा और रावण दहन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होना है।
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