बागेश्वर की महिलाओं ने जैविक सब्जियों का किया उत्पादन
बागेश्वर : महिलाओं को परिवार की रीढ़ कहा जाता है लेकिन पहाड़ की महिलाएं इसके इतर भी बहुत काम कर रही हैं। घर के तमाम कामों के बाद वह खेतीबाड़ी कर रही हैं। अब परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए वह सब्जियों के उत्पादन में जुट गईं हैं। घिरौली गांव की महिलाएं परिवार की आय बेहतर करने में जुटी हैं और सब्जी उत्पादन से वर्षभर में एक लाख रुपये तक कमाने लगी हैं। वह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी बन गई हैं।
नगरपालिका क्षेत्र से सटे घिरौली गांव में सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए उद्यान विभाग अच्छी मेहनत कर रहा है। किसानों को बीज के अलावा खाद और कीटनाशक उपलब्ध करा रहा है। जिस कारण किसानों की आय लगातार बढ़ रही है। गांव की शशिकला रावत दस नाली भूमि पर सब्जियों की खेती कर रही हैं। कृषि कार्य में उनका परिवार उन्हें हरसंभव मदद कर रहा है। उनके खेतों में इस बीच फूल और बंद गोभी की फसल लहलहा रही है।
उन्होंने बताया गाय, भैस भी पाली हैं। गोबर से वह खाद बना रही हैं। उस खाद का उपयोग सब्जियों में रहा है। जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है। गोमूत्र का उपयोग कीटनाशक के तौर पर कर रही हैं। उन्होंने बताया सब्जियों खरीदने के लिए लोग घर पर ही आ रहे हैं। अभी तक वह तीस हजार की गोभी बेच चुकी हैं। उन्होंने बताया वर्ष में सब्जियों से उनकी आय लगभग एक लाख तक होने लगी है।
इसके अलावा गांव की दयमंती रावत, गीता देवी भी सब्जी उत्पादन कर अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं। इसबीच उनके खेतों में बंद गोभी, मटर, टमाटर के अलावा प्याज और लहसून की फसल हो रही है। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग की मदद से उन्हें बीज, खाद और कीटनाशक मुहैया कराए जा रहे हैं। अलबत्ता गांव में हो रही जैविक सब्जी के तमाम लोग भी दीवाने होने लगे हैं। बाजार पहुंचने तक सब्जी घर पर ही बिकने लगी है। उन्होंने बताया कि अभी तक वह 20-20 हजार रुपये की सब्जियां बेच चुकी हैं। उन्होंने कहा अन्य लोग भी अब नकदी फसलों की तरफ बढ़ रहे हैं और आॢथक स्थित सुधर रही है।
जिला उद्यान अधिकारीआरके सिंह ने बताया कि घिरौली गांव की महिलाओं की मेहनत रंग ला रही है। वह सब्जी उत्पादन में अहम भूमिका निभा रही हैं। उद्यान विभाग उन्हें हरसंभव मदद करेगा। बीज आदि निश्शुल्क दिया जाएगा और अच्छी उत्पादन करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया जाएगा।
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