समिति के विलीनीकरण पर भड़का संचालक मण्डल…
कोटद्वार। बहुउद्देशीय सहकारी समिति कुंभीचौड़ के संचालक मंडल ने सहकारी समिति के दूसरी समिति में विलीनीकरण किये जाने का घोर विरोध करते हुए प्रदेश सरकार पर सहकारिता को समाप्त करने के षडयंत्र करने का आरोप लगाया।
कुंभीचौड़ स्थित सहकारी समिति के कार्यालय में आयोजित बैठक में संचालक मंडल ने कहा कि वर्तमान में निबंधक सहकारी समिति उत्तराखंड के द्वारा घाटे से उबारने का बहाना बनाकर सहकारी समितियों को दूसरी समितियों में विलीनीकरण करने का आदेश निर्गत किया गया है, जोकि सहकारिता की मूलभावना को ध्वस्त करने का षडयंत्र है, कहा कि कुंभीचौड की सहकारी समिति को दूसरी समिति में विलय किये जाने से काश्तकारों सहित क्षेत्रीय जनता को खासा नुकसान उठाना पड़ेगा। कहा कि कुंभीचौड़ क्षेत्र में अभी भी लगभग अस्सी प्रतिशत लोग खेती किसानी करते है, तथा समिति के माध्यम से उन्हें खाद एवं अन्य लाभ नियमित मिलते रहते हैं। समिति के विलीनीकरण होने से काश्तकारों को समय एवं पैसे की बर्बादी का सामना करना पड़ेगा। संचालक मंडल ने निबंधक सहकारी समिति उत्तराखंड की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के दबाव में आकर निंबधक के द्वारा जानबूझकर समितियों को घाटे में दिखाकर विलीनीकरण किया जा रहा है, जबकि विलीनीकरण करने से पहले न तो संचालक मंडल और न ही काश्तकारों को विश्वास में लिया गया है, संचालक मंडल ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि यदि जबरदस्ती कुंभीचौड़ सहकारी समिति का दूसरी समिति मेंं विलय किया गया तो काश्तकारों के सहयोग से शासन प्रशासन के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष हरीश नेगी, श्रीमती विमला देवी, विजेश्वरी झिंकवाण, चन्द्रेश लखेड़ा, दयाल सिंह, पुष्पेन्द्र सिंह रावत, मोहन पुंडीर, नरेन्द्र सिंह नेगी, जगमोहन सिंह रावत मौजूद थे।
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