पीसीएस अफसरों की प्रोमोशन फाइल दिल्ली भेजे सरकार: भावना पांडे
उत्तराखंड के आईएएस और पीसीएस अफसर हाशिए पर
अशोक लेलैंड अपना वादा निभाए या सरकार उस पर ताला लगाए
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि पीसीएस अफसरों के प्रमोशन की लिस्ट को केंद्र सरकार को भेजा जाए। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार ऐसा नहीं करती है तो वो सचिवालय पर धरना-प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि अपने ही राज्य में उत्तराखंड के अफसर और कर्मचारियों को दबाया जा रहा है। उनकी आगे बढ़ने की राह रोके जा रही है। इसे सहन नहीं किया जाएगा।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे नेे कहा कि केंद्र सरकार पीसीएस अधिकारियों को आईएएस बनाने के लिए राज्य सरकार से सूची मांग रहा है, लेकिन राज्य सरकार इस सूची को नहीं भेज रही है। आखिर इसका कारण क्या है? पीसीएस अफसर पिछले आठ साल से प्रमोशन की राह देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें सूत्रों से जानकारी मिली है कि केंद्र को फाइल भेजी ही नहीं जा रही है।भावना पांडे के अनुसार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मुख्य सचिव ओमप्रकाश बताए कि फाइल कहां अटकी है? क्या यह षडयंत्र तो नहीं। उनके अनुसार उत्तराखंड चाहे उत्तराखंडी आईएएस हो, पीसीएस हो या आईपीएस। सब दब कर काम कर रहे हैं। बाहरी अफसरों ने उनको हाशिए पर रखा है। इनके साथ दुव्र्यवहार और सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। ये अधिकारी अपनी आवाज नहीं उठा सकते हैं क्योंकि उन्हें अपनी सीआर खराब होने का भय है। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि वह इन अधिकारियों की आवाज बनेगी। विभागों में दर्जनों चैनल बने हुए हैं। फाइल कोई भी अटका सकता है। ऐसे में सीएम और मुख्य सचिव को इसका संज्ञान लेना चाहिए कि फाइल रोकी किसने? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पीसीएस की लिस्ट केंद्र को नहीं भेजी जाएगी तो वह धरना-प्रदर्शन करेंगी।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि जब उत्तराखंड यूपी में था तो उत्तराखंड के नौकरशाहों की हनक होती थी। उनका पीएमओ में भी दबदबा था। आईएएस विनोद पांडे जैसे दबंग नौकरशाह थे लेकिन आज अपने ही राज्य में हमारे उत्तराखंडी आईएएस और पीसीएस अफसरों के साथ दुव्र्यवहार हो रहा है लेकिन कोई आवाज नहीं उठा रहा। भावना ने कहा कि वह उनकी आवाज बनेंगी। यदि जरूरी हुआ तो पीसीएस के प्रमोशन को लेकर जनहित याचिका भी दायर करेंगी।
उन्होंने कहा कि सचिवालय को आम लोगों के लिए आठ मई 2019 को बंद कर दिया गया था। उन्होंने अफसरों से सवाल किये और यह मुद्दा उठाया तो सरकार की नींद खुली और सचिवालय को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने पूर्व सीएम निशंक से सीधा सवाल किया है कि आशीर्वाद योजना के तहत अशोक लीलैंड कंपनी में प्रदेश के एक हजार बच्चों को क्यों ठगा गया? इन बच्चों को फैक्ट्री में मजदूर के तौर पर काम करवाया गया और जब स्थायी रोजगार देने की शर्त थी तो कंपनी इससे मुकर गयी। अब इन एक हजार बच्चों का भविष्य अधर में है। उन्होंने कहा कि या तो अशोक लीलैंड इन बच्चों को स्थायी रोजगार दे या फिर इस कंपनी पर ताला लगा दिया जाए।
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