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जाने कहां गये वो नेता, नये लें उनके जीवन से सीख: भावना पांडे

जाने कहां गये वो नेता, नये लें उनके जीवन से सीख: भावना पांडे

पुराने नेता वादा निभाते थे, इसलिए उनकी साख थी

आज के नेताओं की फितरत, वादा कर मुकर जाते हैं।

देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन सतीश शर्मा के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि कैप्टन सतीश शर्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि देती हैं। उन्होंने कहा कि आज के नेताओं को कैप्टन शर्मा के जीवन से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने राजनीतिक शुचिता को महत्व दिया और जनभावनाओं की कद्र की। वो जब मंत्री थे तो उन्होंने जो वादे किये, उस पर खरे भी उतरे। भावना पांडे ने आज के नये नेताओं को कैप्टन शर्मा के जीवन से सीख लेने की सलाह दी है।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कैप्टन सतीश शर्मा का एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि वो वादे के पक्के थे। उनके अनुसार वर्ष 1995 की बात थी। उन दिनों वो दिल्ली में महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष थी। एक दिन वो कैप्टन सतीश शर्मा से मिलने गयी। कैप्टन शर्मा तब नरसिंह राव सरकार में पेट्रोलियम मंत्री थे। वे पेट्रोल पंप भी दे रहे थे। मिलने पर कैप्टन शर्मा ने कहा कि क्या काम है? भावना ने उन्हें रसोई गैस कनेक्शन मांग लिया। इस पर कैप्टन शर्मा हंसने लगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री से गैस कनेक्शन मांग रही हो। क्या तुम्हें गैस एजेंसी या पेट्रोल पंप चाहिए? भावना ने कहा, नहीं सर, मेरे पास गाड़ी नहीं है तो पेट्रोल पंप लेकर क्या करूंगी। मुझे तो गैस कनेक्शन ही चाहिए, बस, चार पांच गैस सिलेंडर दिलवा दो। साथ ही पूछा, सर, कब तक मिल जाएगा गैस कनेक्शन ? उन्होंने जवाब दिया कि घर पहुंचो तो गैस कनेक्शन मिल जाएगा। इसके बाद वो इंडियन आयल बिल्डिंग में चेयरमैन आर के नारंग और मार्केटिंग डायरेक्टर एमए पठान से मिली। दोनों एक ही साथ बैठे थे। उनसे यह पूछने पर कि गैस कनेक्शन कब मिलेगा? उन्होंने भी कहा कि मंत्री जी ने जो कहा है वो सही है। भावना पांडे के मुताबिक डेढ़ घंटे बाद उनके घर की डोरबेल बजी तो रसोई गैस कनेक्शन था। यह थी कैप्टन शर्मा की जनता के प्रति कर्तव्यभावना।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि इसी तरह से मुजफ्फरनगर के सांसद हरपाल पंवार ने उन्हें सांसद कोटेे से हल्द्वानी में उनके गांव तक टेलीफोन कनेक्शन मुहैया कराया। भावना के मुताबिक उन्होंने कहा था कि मेरे गांव में टेलीफोन नहीं है तो तब उनके गांव तक टेलीफोन के 300 खंभे लगाने के बाद टेलीफोन शुरू किया गया। भावना के अनुसार आज भी मेरे परिवार में कैप्टन शर्मा द्वारा दिये गये रसोई गैस के सात-आठ कनेक्शन हैं।
भावना पांडे ने कहा कि वो नेता जानते थे कि मैं उनकी वोटर भी नहीं हूं, लेकिन उन्होंने अपना वादा निभाया। लेकिन आज के नेता ऐसा नहंी करते। उन्होंने कहा कि नैनीताल के विधायक संजीव आर्य खुश हो रहे हैं कि उनके क्षेत्र में सीवर प्लांट लगने वाला है। उन्होंने सवाल किया कि पिछले 20 साल में सरकारों और नेताओं ने क्या किया? संजीव आर्य चार साल से विधायक है तो तब उसने यह प्लांट इन चार साल में क्यों नहंी तैयार किया? वो जानता है कि यह सिर्फ जनता को बरगलाने का तरीका है। नेता जनता को सुहाने सपने दिखाते हैं और जनता इन सपनों में फंस जाती है। उन्होंने कहा कि नये नेताओं को सीखना चाहिए कि क्यों पुराने नेताओं को याद किया जाता है?
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि पूर्व सीएम हरीश रावत भी गुजरे वक्त के नेता हैं लेकिन नये नेताओं के साथ कदमताल करने के चक्कर में वो अपनी साख पर सवाल लगवा रहे हैं। हरदा को भी जनता से किये वादों को निभाना चाहिए था लेकिन सत्ता मद और पुत्र-परिवार मोह में उन्होंने नैतिकता और समाजसेवा को ताक पर रख दिया है। भावना पांडे ने कहा कि नेताओं को सत्ता मद में यह नहीं भूलना चाहिए कि एक दिन जब वो नहीं रहेंगे तो उनको याद किस रूप में किया जाएगा?

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