देहरादून। पंचायतीराज विभाग द्वारा हटाये गये आउटसोर्स कर्मी पुनः धरने पर बैठ गये है।
उल्लेखनीय है कि अपनी मंागों को लेकर पंचायतीराज विभाग द्वारा हटाये गये कर्मचारी 95 दिनों से धरना दे रहे थे। उनके आंदोलन को देखते हुए मुख्यमंत्री के ओएसडी द्वारा मंागों पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन उसके बावजूद आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
पंचायती राज कर्मचारियों का कहना था कि सीएम के ओएसडी द्वारा कर्मियों को झूठा आश्वासन दे कर उनका धरना समाप्त करवाया गया। उनसे कहा गया कि पंचायतीराज से निकाले गये कर्मचारियों की बहाली एक हफ्ते के अन्दर कर दी जाएगी। लेकिन एक माह बाद भी उनकी बहाली को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
सरकार की ओर मिले झूठे अश्वासन के विरोध में कर्मचारियों ने आज भी फिर धरना प्रारंभ कर दिया है। कर्मियों का कहना है कि अगर सरकार उनकी बहाली जल्दी नहीं करेगी तो वे सभी लोग जल्दी ही सचिवालय और निदेशालय का घेराव करेंगे। धरने पर आशुतोष सती, मोहनपाल, धीरेंद्र चैहान, ललित चमोली, राजपाल, पुष्पा सकलानी, पूजा, मनीषा तथा मनोज बैठे।
वहीं दूसरी ओर आउटसोर्स कर्मियों को उत्तराखण्ड क्रांति दल ने समर्थन दिया है। पिछले चार दिन से दून अस्पताल में धरने पर बैठे कोरोना वॉरियर्स स्वास्थ्य कर्मियों को उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने अपना समर्थन पत्र भी सौंपा।
उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने आंदोलनकारी स्वास्थ्य कर्मियों को संबोधित करते हुए शासन प्रशासन से उनके नौकरी को नियमित किए जाने के बारे में मांग की है। कहा कि सरकार आंदोलनरत कर्मचारियों को एककृदो माह का एक्सटेसन देकर आउटसोर्स कर्मचारियों के आंदोलन को तोड़ने का षड्यंत्र कर रही है। इसलिए यह मांग नहीं मानी जाएगी।
उत्तराखंड क्रांति दल की युवा मोर्चा की जिला अध्यक्ष सीमा रावत ने आंदोलनकारी स्वास्थ्य कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल पूरी तरह से उनके आंदोलन के साथ है तथा समान कार्य समान वेतन का पुरजोर समर्थन करता है। कहा कि यदि सरकार जल्दी ही इनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है तो सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया जाएगा।
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