सात गुटों में बंटी कांग्रेस, प्रीतम पूरी तरह फेल: भावना पांडे
हरदा के लिए नवप्रभात देंगे सीट का बलिदान, फिर भी हार जाएंगे
इस बार दल-बदलुओं और वंशवाद को सबक सिखाएगी जनता
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में नित नये गुट बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में पहले चार गुट थे लेकिन अब इनकी संख्या सात हो गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह संगठन को एकजुट रखने में पूरी तरह से असफल साबित हो गये हैं। उन्होंने पूर्व सीएम हरीश रावत को चुनौती दी कि वो कहीं से भी चुनाव लड़ लें, लेकिन उनकी हार पक्की है। उन्होंने चेतावनी दी कि दल-बदलुओं और आम आदमी पार्टी का दामन थामने वालों को जनता सबक सिखाएगी।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि हरदा ने प्रदेश के सभी बार्डरों को छान मारा। वो चीन बार्डर गये, नेपाल बार्डर पहुंचे और अब हिमाचल बार्डर पहुंच कर अपने लिए एक अदद सुरक्षित सीट तलाश रहे हैं। यह सुनने में आ रहा है कि हरदा के लिए कांग्रेसी नेता नवप्रभात विकासनगर से अपनी सीट की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। इससे पहले हरदा लोहाघाट और डीडीहाट में भी सीट तलाश रहे थे लेकिन यहां के युवा उनके लिए अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं। अब हरदा नवप्रभात का सहारा ले रहे हैं, जबकि उन्हें पता है कि हरदा किसी भी सूरत में विकासनगर से चुनाव नहीं जीत सकते। भावना पांडे के अनुसार यह कितनी बड़ी दुर्गति है कि हरदा सीट के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
भावना पांडे ने कहा कि कांग्रेसियों को लगता है कि तीसरा विकल्प या मैं बार्डर तक नहीं पहुंचेगा। लेकिन मैं हरदा, बंशीधर भगत, इंदिरा हृदयेश को बता देना चाहती हूं कि मेरी प्लानिंग है कि जितने कैबिनेट मंत्री भाजपा और कांग्रेस के पूर्व मंत्री हैं, और जो उनके बेटे, बीबियां या अन्य परिजन हैं तो वो हारने के लिए तैयार रहें, क्योंकि मैं उत्तराखंड की युवा ला रही हूं। इनकी एक प्रतिशत नहीं चलेगी। न ये जीतेंगे न इनके बेटे जीतेंगे। भावना पांडे ने कहा कि मैंने सुना है कि परिवहन मंत्री यशपाल आर्य अपनी सीट अपने बेटे को देना चाहते हैं। मैं यशपाल आर्य को बता देना चाहती हूं कि उनको पुत्र जहां से भी चुनाव लड़े, वो जीत नहीं सकता। यह गलत धारणा है कि मैं भले ही हार जाऊं लेकिन मेरा बेटा जीत जाए। यह वंशवाद अब नहीं चलेगा। यदि कोई दल-बदलू लाएगा तो कांग्रेस की खैर नहीं। आम आदमी पार्टी में जो जाएगा उसका भविष्य खराब हो जाएगा।
भाजपा में पिछले दस साल से काम कर रहे युवाओं को यदि टिकट नहीं मिलती है तो वो इन दलों को सबक सिखाएगा। प्रदेश में प्रसूता महिला लचर स्वास्थ व्यवस्था से परेशान है, लड़कियां असुरक्षित हैं। राज्य के लाखों युवा बेरोजगार हैं तो युवा नेताओं को भी राजनीति में टिकट नहीं दिया जा रहा है। राज्य गठन से पहले जो नेता थे, वही नेता आज भी हैं।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि आखिर ये नेता हमारे इस प्रदेश को कितना तोड़ेंगें। कब तक बर्बाद करेंगे। इन नेताओं को सबक सिखाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीसरा विकल्प नेताओं के बारी-बारी सत्ता पर काबिज होने के मंसूबों पर पानी फेरने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश में युवा सरकार।
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