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उत्तराखंड: खोजी जा रही है बाघिन, जानें क्यों जुटा है कॉर्बेट प्रशासन तलाश में?

उत्तराखंड: खोजी जा रही है बाघिन, जानें क्यों जुटा है कॉर्बेट प्रशासन तलाश में…..?

रामनगर । कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन इन दिनोें एक बाघिन की खोज में जुटा है। यहां के वन कर्मियों की टीम, चार पालतू हाथी व डॉग स्कवायड के अलावा नभ से भी ड्रोन से बाघिन को तलाशा जा रहा है। दो दिन से जंगल छानने के बाद भी बाघिन नजर नहीं आई है।

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर बाघिन की तलाश क्यों की जा रही है। दरअसल हरिद्वार के राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा पूर्व में योजना बनाई गई थी। जिसके तहत दो बाघिन व तीन बाघ कार्बेट पार्क के जंगल से चिन्हित कर राजाजी भेजे जाने हैं। दो बाघिनें पहले ही भेजी जा चुकी हैं और अब तीसरी बाघिन की तलाश की जा रही है जिसे राजाजी भेजा जाएगा।

तीसरी बाघिन की तलाश में ही कॉर्बेट का अमला जोर शोर से लगा हुआ है।  23 दिसंबर को कार्बेट के बिजरानी जोन से एक बाघिन व आठ जनवरी को ढेला जोन से दूसरा बाघ पकड़ा गया था। तीसरी बाघिन की तलाश में ढेला रेंज को खंगाला जा रहा है। पता लगा है कि कार्बेट प्रशासन ने बाघिन को संभवत: ढेला जोन में चिन्हित कर लिया है। उसे पकडऩे के लिए ढिकाला व कालागढ़ से चार हाथियों को बुलाया गया है।

मंगलवार को ढिकाला से दो हाथी वन कर्मियों की टीम के साथ पहुंच गए। ड्रोन से भी चिन्हित बाघिन को तलाशने की कोशिश की गई। हालांकि अभियान पहले शुरू हो जाता, लेकिन बिजरानी जोन में बाघिन द्वारा एक महिला को निवाला बनाए जाने के बाद अभियान कुछ दिन के लिए थम गया था सीटीआर के पशु चिकित्सक दुष्यंत शर्मा ने बताया कि बाघिन को पकडऩे के लिए कवायद शुरू हो गई है। उम्मीद है कि जल्द बाघिन पकड़ में आ जाएगी।

 

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