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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्तराखंड की नारी शक्ति का हुआ सम्मान

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्तराखंड की नारी शक्ति का हुआ सम्मान
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सी एम पपनैं

नई दिल्ली। ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ 8 मार्च, के पावन अवसर पर, उत्तराखंड की दिल्ली प्रवास मे गठित, सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओ द्वारा महिलाओ के परम सम्मान मे, अनेको भव्य कार्यक्रमो का आयोजन किया गया। गढ़वाल भवन मे ‘कल्याणी सामाजिक संगठन’ द्वारा दूसरा ‘कल्याणी सम्मान 2021’ तथा ‘आवाज सुनो पहाड़ों की’ मंच द्वारा ‘लोक सेवा व प्रेरणा सम्मान’, शारदा स्वर संगम स्टूडियो, रिठाला, मे आयोजित कर, उत्तराखंड की विभिन्न क्षेत्रों मे उत्कृष्ट व प्रेरक कार्य करने वाली, प्रबुद्ध महिलाओ का सम्मान किया गया।

‘कल्याणी सामाजिक संगठन’ द्वारा समारोह का श्रीगणेश विशिष्ट अतिथियों माया बिष्ट (निगम पार्षद), सुशीला रावत (रंगमंच निर्देशक), प्रभा किरण (समाजसेवी), उषा भट्ट पांडे (लोकगायिका), अनुराधा निराला (लोकगायिका), पूनम सती (लोकगायिका), हेमा करासी, (लोकगायिका) व कौशल पांडे (लोकगायिका) द्वारा दीप प्रज्वलन, समारोह संयोजिका व कल्याणी संगठन अध्यक्षा, बबीता नेगी के सानिध्य मे किया गया।

विभिन्न विधाओ के क्षेत्र मे, विगत अनेक वर्षो से, अमिट छाप छोड़ रही, उत्तराखंड की सम्मानित होने वाली प्रबुद्ध महिलाओ, हेमलता कबडवाल (ग्राम, सतौली, नैनीताल), लक्ष्मी नैथानी (ग्राम चैधार, पौड़ी गढ़वाल), देवकी भंडारी (ग्राम धरिगांव, पौड़ी गढ़वाल), कुसुम जोशी (ग्राम भ्युता, रूदप्रयाग), कुसुम लता गड़िया (ग्राम, जोलाकोट, चमोली), पूजा रावत (ग्राम, अमेल, बेतलघाट, नैनीताल), संतोषी मडवाल (ग्राम, पिंजोली, पौड़ी गढ़वाल), पूजा तोमर (ग्राम, लम्बगांव, टिहरी गढ़वाल), कल्पना बिष्ट (गांव, डोभरी, विकास नगर, देहरादून) तथा कविता सक्सेना (मानपुर उत्तर, हल्द्वानी) को महिलाओं से खचाखच भरे सभागार में, तालियों की गड़गड़ाहट के मध्य, विशिष्ट अतिथियों के हाथों, साल ओढा, पुष्पगुच्च व सम्मानपत्र प्रदान कर ‘कल्याणी सम्मान 2021’ से नवाजा गया।

इस अवसर पर आयोजको द्वारा, विशिष्ठ अतिथियों के साथ-साथ, प्रताप घुघत्याल, कुलदीप भण्डारी, पीएन शर्मा, दिगंबर नेगी, लक्ष्मण रावत, मुरलीधर ढोंडियाल, गणेश नेगी, संजय दरमोडा, नंद जुयाल, निम्मी बड़ाकोटी, माधुरी रावत तथा प्रभा किरण इत्यादि प्रबुद्ध समाज सेवियो को, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र मे, महिलाओं का पथ प्रदर्शन करने हेतु, मंच पर आमंत्रित कर, कल्याणी संगठन पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा, पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेट किए गए।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर, सम्मानित महिलाओ द्वारा, आप बीती सुना, सभागार में बैठी महिलाओ को प्रभावित कर, नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र मे, प्रेरणा प्रदान की। सम्मानित महिलाओ द्वारा, व्यक्त किया गया, आज नारी उत्सव है। उत्तराखंड की अनेकों महिलाओं ने, महिला सशक्तिकरण का परिचय, विभिन्न काल खंडो मे, विभिन्न क्षेत्रों में दिया है। नारी ने सृष्टि का विकास किया है। एक सफल पुरुष के पीछे नारी ही है। नारी सदा, सशक्त रही है। आह्वान किया गया, हमे स्वयं शिक्षित होना होगा। सोच-समझ विश्वाश, भरोसा नारियों को स्वयं पर लाना होगा। नारी सारे जहां के लिए होती है, उसमे क्षमता होती है।

कोरोना संकट मे, प्रधानमंत्री राहत कोष में दस लाख रुपये दान देने वाली सम्मानित हुई, देवकी देवी द्वारा, भावुक होकर आप बीती मे व्यक्त किया गया, “मैंने दस लाख रुपये दान क्या किया, मुसीबत आ गई। करीब दो सौ लोगों ने दवाब डाला, पैसा पीएम कोष मे क्यों दिया? हमको क्यों नही दिया? हमें भी दो।” इस सम्मानित महिला द्वारा व्यक्त किया गया, “मेरे लिए देश के संकट मे, मदद कर, भागीदार बनना, सदैव पुण्य व प्रथम कृतव्य बना रहा है।”

इस अवसर पर उत्तराखंड की सु-विख्यात लोकगायिकाओ, अनुराधा निराला व कौशल पांडे द्वारा संगीतकार विरेन्द्र नेगी ‘राही’ के संगीत निर्देशन मे मनभावन लोकगीत व उत्तराखंड के प्रवासी बाल कलाकारों द्वारा, उत्तराखंड के गीत-संगीत पर लोकनृत्य प्रस्तुत कर, सम्मान समारोह को भव्य, आकर्षक व यादगार बनाया गया।

गढ़वाल भवन के मुख्य द्वार पर, आगन्तुको के स्वागत मे ‘गढ़ कुमांऊ साज बाज’ उत्तराखंड सांस्कृतिक कला के दल द्वारा, अरविंद सिंह रावत के सानिध्य में, ढोल-दमाऊं की थाप पर गूंजती मनोहारी झलक, पधार रहे अतिथियों को भा रही थी। प्रभावशाली छाप छोड रही थी। आयोजित भव्य सम्मान समारोह का मंच संचालन, ज्योति डंगवाल द्वारा बखूबी किया गया।

‘अंतराष्ट्रीय महिला दिवस’ पर, आयोजित दूसरे आयोजन मे, ‘आवाज सुनो पहाड़ों की’ मंच द्वारा, शारदा स्वर संगम स्टूडियो रिठाला मे, शर्मिला दत्त अमोला ,चंद्रकांता शर्मा, कामिनी रावत, कोमल नेगी ,आशा खंडूड़ी को ‘लोक सेवा सम्मान’ से तथा सुधा देवी धर्मपत्नी स्व.चंद्र सिंह राही एवं सुनीता उनियाल को, ‘प्रेरणा सम्मान’ 2021 से, आमन्त्रित मुख्य अतिथियो सतीश शर्मा नौडियाल (पूर्व एसीपी, दिल्ली पुलिस), कैलाश गौनियाल (राष्ट्रपति पदक प्राप्त, पूर्व एसीपी, दिल्ली पुलिस) व्यवसायी, अनुसूया प्रसाद उनियाल के हाथों, उत्तराखंड के विभिन्न समाजो व संस्थाओ से जुडे, विनोद आनंद, गजेंद्र चौहान, भरत रावत, नरेंद्र रौथाण, पूजा चौहान, अरुण, मनीषा, दिगंबर नेगी, कैलाश डंड्रियाल, सतीश नेगी ‘राही’, विरेंद्र सैलानी, अरुण तिवारी, टी आर जखमोला इत्यादि प्रबुद्ध जनो की उपस्थिति मे नवाजा गया।

सम्मान समारोह के इस अवसर पर, सुप्रसिद्ध बाल गायिका शगुन उनियाल व बाल गायक अतुल नेगी, लोकगायिका चंद्रकांता शर्मा द्वारा उत्तराखंड के लोकप्रिय लोकगीतो का गायन तथा सु-प्रसिद्ध संगीत व गीतकार वीरेंद्र नेगी ‘राही’ द्वारा स्व.चंद्र सिंह ‘राही’ के गीतों को प्रभावशाली अंदाज मे गाकर, समा बांध, कार्यक्रम को यादगार बनाया गया। आयोजित सम्मान समारोह का मंच संचालन, राजीव नैलवाल द्वारा किया गया।

उत्तराखंड के परिपेक्ष, विभिन्न क्षेत्रों में, नारी शक्ति का अवलोकन कर ज्ञात होता है, उत्तराखंड की नारी को किसी भी क्षेत्र मे कम कर, नही आंका जा सकता। उत्तराखंड की जटिल मेहनतकस नारी का, एक गौरवशाली इतिहास रहा है। कुछ वर्तमान मे भी, इतिहास रच रही हैं। जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में नारी शक्ति का परिचय देकर उत्तराखंड व देश का नाम रोशन किया है। उक्त महिलाओं के कारनामो से प्रेरणा ले, उत्तराखंड के सामाजिक संगठनों व संस्थाओं द्वारा, महिला दिवस का आयोजन कर, नारी शक्ति को सम्मान देना, न सिर्फ सार्थक कदम है। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र मे, नेक व परोपकारी कार्य भी है।

प्रति वर्ष अंतरराष्ट्रीय फलक पर, ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ के लिए, एक थीम निर्धारित की जाती है। इस वर्ष की थीम का उद्देश्य, महिलाओं को प्रोत्साहित करना रहा है। जिससे वे अपने अधिकारों के लिए, आवाज उठाए। इस थीम पर, अपील की जा रही है, दुनिया के सभी देश व नागरिक मिलकर, ऐसी दुनिया बनाऐ, जहां महिलाओं को पुरुषों के बराबर, अधिकार मिले।

उत्तराखंड की जागरूक महिलाएं भी, आज किसी क्षेत्र से अछूती न रहकर, अपना परचम लहरा रहीं हैं। विभिन्न क्षेत्रों व विधाओ मे, कार्य करने वाली सभी महिलाऐ, आज सम्मान की पात्र हैं। विगत कुछ वर्षो से उत्तराखंड के सामाजिक संगठनों व संस्थाओं के लिए भी, महिला दिवस, एक ऐसा दिन बन गया है, जिसमे इस दिवस पर, महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा, प्यार प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनैतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में, उन्हे विभिन्न सम्मानों से नवाज कर, प्रोत्साहित किया जाने लगा है। निश्चय ही, नारी को बल मिलना चाहिए। बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए। मातृशक्ति का सम्मान सबसे बड़ा सम्मान है।
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