भारत के पावर ग्रिड में चीन की सेंध, अक्टूबर में की थी मुंबई की बिजली गुल!
नई दिल्ली (न्यूयॉर्क टाइम्स)। पिछले वर्ष जून में चीन के पीएलए और भारतीय सेना के जवानों के बीच लद्दाख के गलवन घांटी में खूनी झड़प हुई थी। इस घटना के करीब 10 माह बाद सीमा पर जारी तनाव को कम करने के बाबत हुए समझौते के तहत दोनों सेनाएं पीछे चली गईं। इस बीच में लद्दाख से करीब 1500 मील से अधिक की दूरी पर स्थित मुंबई में 12 अक्टूबर को अचानक बिजली गुल हो गई। बिजली गुल होने से दौड़ती भागती मुंबई के पहिए पूरी तरह से रुक गए। हर चीज मानों थम गई। हालांकि, कुछ घंटों की मशक्कत के बाद यहां की बिजली सप्लाई को दोबारा बहाल कर दी गई और मुंबई वापस पटरी पर दौड़ने लगी। ये घटना कोई सामान्य घटना नहीं थी।
अब मुंबई में हुए इस ब्लैक आउट को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक शोध के हवाले से कहा है कि मुंबई में घटी इस घटना के पीछे चीन का हाथ था। वो अपने हैकर्स की मदद से भारत में ब्लैकआउट कराना चाहता था। इस शोध में ये बात भी सामने निकलकर आई है कि अक्टूबर में पांच दिनों के अंदर इन चाइनीज हैकर्स ने 40 हजार बार से अधिक साइबर अटैक किए। ये साइबर अटैक भारत के पावर ग्रिड के अलावा आईटी कंपनियों और बैंकिंग सेक्टर्स पर किए गए।
अखबार में छपी खबर के मुताबिक ये सब कुछ चीन ने एक अभियान के तहत किया था, जो पावर ग्रिड कॉरपोरेशन के खिलाफ चलाया गया था। मुंबई में गई बिजली इसी का परिणाम थी। इस अभियान के माध्यम से चीन ने भारत को ये संदेश देने की कोशिश की थी कि यदि वो सीमा पर अधिक आक्रामक हुआ तो वो पूरे भारत में ब्लैक आउट करवा सकता है।
चीन के इस साइबर अटैक का अर्थ भारत को ये संदेश देना भी था कि वो अपने भारत के अलग-अलग पावर ग्रिड पर मैलवेयर अटैक कर उन्हें बंद कर सकता है। अखबार में छपी खबर में जिस शोध का हवाला दिया गया है उसमें कहा गया है कि जिस वक्त ये घटना घटी थी उस वक्त भारत में बिजली की सप्लाई को नियंत्रित करने वाली प्रणालियों में चीनी मैलवेयर घुस चुके थे। इनके निशाने पर थर्मल पावर प्लांट और हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन सबस्टेशन थे।
इस शोध के मुताबिक भारत के पावर सिस्टम के अंदर तक रिकॉर्डेड फ्यूचर की पहुंच न होने की वजह से इसकी जांच नहीं की जा सकी। कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर स्टुअर्ट सोलोमन का कहना है कि भारत की बिजली सप्लाई में घुसपैठ कर इसको बंद करने का काम चीन की सरकारी हैकर्स की रेड इको कंपनी ने किया था। इस कंपनी ने बेहद गोपनीय तरीके से भारत के एक दर्जन से ज्यादा ट्रांसमिशन लाइन और पावर जनरेशन में घुसपैठ के लिए बेहद एडवांस्ड साइबर हैकिंग टेक्नीक का उपयोग किया था।
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