यमकेश्वर विधानसभा के प्रवाशियो का कोटद्वार में सम्मेलन कार्यक्रम।
मनोज नोडियाल
कोटद्वार।उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में भले ही एक वर्ष का समय बचा हो लेकिन नेता लोग अपनी दावेदारी अन्य प्लेटफॉर्मों के माध्यम से अपनी चहेती विधानसभा में कार्यक्रमो के माध्यम से करते नजर आ रहे है। खुलकर अपनी देवदारी पेस ना कर अन्य राजनीतिक कार्यक्रमो का सहारा ले रहे है।कोटद्वार के पूर्व विधायक शैलेन्द्र रावत की जो 2007 से 2012 तक कोटद्वार विधानसभा से भाजपा विधायक रहे। 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शैलेन्द्र रावत का टिकट काट दिया और बीसी खंडूड़ी को कोटद्वार विधानसभा से टिकट दे दिया जिसमे बीसी खंडूरी चुनाव हार गए और भाजपा ने हार का ठीकरा शैलेन्द्र रावत के सर पर फोड़ दिया और भीतर घात का आरोप लगाते हुए पार्टी से निकाल दिया। शैलेन्द्र रावत ने अपने राजनीतिक जीवन पर मंडराते काले बादलों को दूर करते हुए 2017 में कांग्रेस का दामन थाम लिया औऱ 2017 विधानसभा चुनाव में यमकेश्वर विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और हार गए। लेकिन अब शैलेन्द्र रावत अपनी राजनीतिक जन्मभूमि कोटद्वार विधानसभा में अपनी सक्रियता दिखाते नजर आ रहे है।
कोटद्वार से कांग्रेस के टिकट पर हमेशा सुरेंद्र सिंह नेगी ही चुनाव लड़ते है। लेकिन अब शैलेंद्र रावत भी कोटद्वार विधानसभा से चुनाव लड़ने का कुछ हद तक मन बना चुके हैं हालांकि अभी शैलेन्द्र रावत ने इस कोटद्वार से चुनाव के बारे में कोई प्रतिक्रिया नही दी।
कोटद्वार में यमकेश्वर विधानसभा के प्रवाशियो का सम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसे संवाद नाम दिया गया जिसमे बतौर मुख्यातिथि शैलेंद्र रावत ने शिरकत की। कार्यक्रम हजारो की संख्या में कोटद्वार की जनता ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को भले ही यमकेश्वर विधानसभा से जोड़ा गया हो लेकिन कोटद्वार में हो रहे कार्यक्रम को शैलेंद्र रावत की मजबूत पकड़ की और इसारा कर रहे है।
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