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तीरथ की ताजपोशी के बाद संशय में कांग्रेस!

तीरथ की ताजपोशी के बाद संशय में कांग्रेस!

 

एंटी इनकंबेंसी पर भाजपाई दांव की काट ढूंढ़ेगी

देहरादून । प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा की धुर विरोधी कांग्रेस सरकार के नए मुखिया तीरथ सिंह रावत की ताजपोशी के साथ ज्यादा अलर्ट हो गई है। हालांकि पार्टी त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरह ही तीरथ सिंह रावत को भी अपने लिए मुफीद मान रही है। अलबत्ता, प्रमुख विपक्षी दल चार साल की एंटी इनकंबेंसी को लेकर भाजपा हाईकमान की ओर से चले गए दांव की काट की तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश में भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत से कांग्रेस की नींद उड़ी हुई है। इसी वजह से भाजपा सरकार और करीब चार साल तक मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर पार्टी का रुख खासा आक्रामक रहा है। त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के खिलाफ चार्जशीट लाने की तैयार करती रही कांग्रेस भाजपा में सियासी हलचल से को लेकर सुकून में है। चुनाव से करीब सालभर पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाने से कांग्रेस को भाजपा और उसकी प्रदेश सरकार पर हमला बोलने का नया मौका मिला हुआ है।
हालांकि पार्टी को अब अपनी रणनीति बदलने को मजबूर होना पड़ा है। त्रिवेंद्र सिंह रावत को केंद्र में रखकर बनाई गई रणनीति में तब्दीली लाई जा रही है। नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को लेकर अब नए सिरे से मशक्कत शुरू कर दी गई है। पार्टी मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ के चेहरे से ज्यादा चिंतित नहीं है। अलबत्ता, तीरथ की साफ व निर्विवाद छवि के साथ ही भाजपा विधायकों में दिखने वाला नया जोश कांग्रेस के लिए परेशानी की बड़ी वजह बनने वाला है। भाजपा के खिलाफ जिस रणनीति को धार देकर कांग्रेस ने तीखे हमलों को अंजाम दिया, उनमें भाजपा विधायकों की नाराजगी बड़ा मुद्दा रही है।
नए मुख्यमंत्री को लाकर असंतोष से पार पाने की भाजपा की रणनीति की काट ढूंढऩे में कांग्रेस जुट गई है। अगला विधानसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में भाजपा के अंतर्कलह ने कांग्रेस में नई उम्मीदों को जन्म दिया है। फिलहाल पार्टी के रणनीतिकार इन उम्मीदों को फिर से जवान रखने के लिए मशक्कत करने लगे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत हों या तीरथ सिंह रावत, कांग्रेस को कोई फर्क पडऩे वाला नहीं है। पार्टी भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने की अपनी मुहिम को जारी रखेगी।

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