कांग्रेस षड़यंत्र की प्रयोगशाला, संवेदना भुना रही भाजपा: भावना पांडे
सल्ट उपचुनाव में गंगा के करियर को खत्म करने की साजिश
मुख्यमंत्री तीरथ क्यों नहीं लड़े सल्ट से उपचुनाव, कर्ज में डूबे राज्य पर तीन चुनाव का बोझ क्यों?
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा है कि कांग्रेस की तर्ज पर भाजपा भी वंशवाद को बढ़ावा दे रही है। भाजपा ने सल्ट विधानसभा सीट के उपचुनाव में महेश जीना को मैदान में उतार कर वंशवाद को प्रश्रय दिया है। उन्होंने कहा कि महेश का क्षेत्र और राजनीति से कोई मतलब नहीं था लेकिन भाजपा ने विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद उनके भाई महेश को चुनाव में उतार कर जनता की संवेदनाओं को वोट में बटोरने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक धड़े ने इस चुनाव के माध्यम से पूर्व सीएम हरीश रावत और उम्मीदवार गंगा पंचोली के राजनीतिक करियर को समाप्त करने का षड़यंत्र रचा है।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे के मुताबिक महेश जीना कल तक दिल्ली में नौकरी करता था और उन्हें क्षेत्र की समस्याओं की कोई जानकारी नहीं है। भाजपा ने उन्हें टिकट देकर वंशवाद को बढ़वा दिया है। उन्हें जनता पर थोपा जा रहा है। भाजपा की राजनीति लोगों की भावनाओं के साथ खेल कर ही चमकी है। भाजपा ने कभी राम के नाम पर तो कभी हिन्दू-मुस्लिम का कार्ड खेलकर सत्ता की सीढ़ी तैयार की है। ऐसे ही सल्ट में भी किया जा रहा है। विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद जनता की सहानुभूति को वोटों में बदलने के लिए महेश को चुनाव में उतारा गया है। क्या भाजपा में कोई दूसरा नेता नहीं था? दूसरे दलों पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाली भाजपा खुद परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है।
भावना पांडे ने कहा कि सल्ट विधानसभा सीट से तीरथ सिंह रावत को चुनाव लड़ना चाहिए था। इससे प्रदेश में एक और चुनाव के खर्च से बचा जा सकता था। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा अपने मुख्यमंत्री तीरथ को सल्ट से जिता नहीं सकती थी? प्रदेश कर्ज में डूबा है और उस पर एक और चुनाव का बोझ क्यों डाला गया? क्या भाजपा की मंशा समयपूर्व विधानसभा चुनाव कराने की है? भाजपा ने प्रचंड बहुूमत के बावजूद प्रदेश को राजनीतिक अस्थिरता की ओर धकेल दिया। उन्होंने मदन कौशिक के उस बयान को हास्यापद बताया कि सल्ट के विकास के लिए महेश जीना को जिताना जरूरी है, उन्होंने सवाल किया कि आखिर स्व. सुरेंद्र सिंह जीना ने अपने कार्यकाल में क्या किया? जनता उन्हें जिताती रही है तो उन्होंने विकास क्यों नहीं किया कि अब महेश जीना को यह विकास करना पड़ेगा। यानी भाजपा ने स्वीकार कर लिया कि सल्ट में विकास हुआ ही नहीं।
भावना पांडे ने कहा कि कांग्रेस षडयंत्र की प्रयोगशाला है। उनके मुताबिक विपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने गंगा पंचोली को उम्मीदवार बना कर चाल चली है कि हरीश रावत दोबारा सीएम की दावेदारी न कर सकें। कांग्रेस जानती है कि सरकार भाजपा की है और संवेदनाएं भी सुरेंद्र जीना के परिजनों के साथ हैं। इसलिए भाजपा यह सीट आसानी से जीत जाएगी। कांग्रेस के इस धड़े ने गंगा पंचोली को खड़ा कर उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने का काम किया है। इसमें रंजीत रावत ने भी प्रीतम का साथ दिया। तेजतर्रार नेत्री भावना पांडे ने कहा कि आखिर रंजीत सिंह रावत यहां से खुद चुनाव क्यों नहीं लड़े? या अपने बेटे को क्यों नहीं खड़ा किया? उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में यदि रंजीत रावत के बेटे को टिकट मिलती है तो इसका विरोध किया जाएगा।
भावना पांडे ने कहा कि पूर्व सीएम हरीश रावत की निकटस्थ गंगा पंचोली को यहां से चुनाव मैदान में उतारकर हरदा विरोधियों ने एक तीर से कई शिकार किये हैं। उन्होंने कहा कि गंगा इस चुनाव में हार जाएंगी तो उनका राजनीतिक करियर चैपट हो जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह गुट हाईकमान को यह संदेश दे सकेंगे कि हरदा का राजनीतिक वर्चस्व अब ढलान पर है। हरदा के नेतृत्व में चुनाव लड़ना ठीक नहीं होगा। इस बार गंगा को टिकट देकर यह सुनिश्चित किया गया है कि अगली बार गंगा यहां से टिकट की दावेदारी न करें और रंजीत रावत के बेटे की राह आसान हो सके।
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