कोरोना काल मे प्रदूषण बोर्ड ने लुटाए 52 करोड़
पीसीबी के दानी अफसरों ने कर दिया बोर्ड का चार करोड़ ब्याज का नुकसान
समय से पहले एफडी तोड़ सीएम कोबिड फंड में दिए थे पचास करोड़
चंद्र प्रकाश बुड़ाकोटी
इक्कीस खातों से तोड़ी गई एफडी
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प्रदूषण बोर्ड के कर्मचारियों के लिए दो हजार बीस का साल किसी बज्रपात से कम नही होगा। जब इतनी बड़ी संख्या में बैंकों से पैसा निकालने की नौबत आई हो। इन बीस सालों में पहली बार बोर्ड सदस्य सचिव और बोर्ड अध्यक्ष ने पीएनबी यमुना कालोनी एक खाता,पीएनबी आईएमए दो खाते,पीएनबी एचएनआईसी के चौदह खाते,नैनीताल बैंक के दो खाते,आन्ध्रा बैंक के तीन खातों,कुल बोर्ड के उन्नीस बैंक खातों से बावन करोड़ की धनराशि एकमुश्त निकाली गई। बावन करोड़ की एफडी कोरोना के नाम पर तोड़ी गई लेकिन पचास करोड़ पचपन लाख सिर्फ कोरोना पर लुटाए गए बाकी डेढ़ करोड़ कहाँ गए यह भी पहेली बना हुआ है। बोर्ड अफसरों की कारस्तानी की यह सिर्फ एक बानगी है। ऐसा ही सब कुछ चलता रहा तो एक दिन बोर्ड कर्मचारियों को बेतन के भी लाले पड़ जाएंगे। यह हम इसलिये कह रहे है कि आज तक बीस साल के अंतराल में किसी भी बोर्ड अफसर ने इतनी बड़ी धनराशि बोर्ड खाते से ठिकाने नही लगवाई।
पचास करोड़ दिए मिला डारेक्टर का पद
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इसे क्या कहेंगे पीसीबी के सदस्य सचिव आईएफएस एसपी सुबुद्धि ने जून दो हजार बीस पहले हफ्ते में,पचास करोड़ रुपये बोर्ड के सरकार को कोरोना के नाम पर क्या दिए कि। उधर,जून ही माह के तीसरे हप्ते उंन्हे इसका इनाम सदस्य सचिव के साथ ही राज्य पर्यावरण संरक्षण जलवायु परिवर्तन निदेशालय का डारेक्टर बना कर दिया गया। यह संयोग नही प्रयोग है,जो इनके लिए सरकारी धन को ठिकाने लगाने के बाद सफल रहा।यह तब है जब आईएएस बोर्ड के अध्यक्ष है और आईएफएस सदस्य सचिव।
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