धूमधाम से मनाया गया रंगो का पर्व होली
कोटद्वार । देशभर में होली का त्योहार मनाया जा रहा है । कल (रविवार) को होलिका दहन के साथ इसका जश्न शुरू हुआ और आज (सोमवार) को रंगों की होली खेली जा रही है । लेकिन कोरोना संकट के चलते इस बार होली सावधानी के साथ मनाई जा रही है । सब लोग घर पर ही होली मनाना पसंद कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच प्यार और भाईचारे का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। लोग एक दूसरे को रंग लगाकर उत्सव मना रहे हैं और बधाई दे रहे हैं। ये एक ऐसा त्यौहार है, जिसका इंतजार सालभर किया जाता है। हिंदुओं के अलावा बाकी धर्मों के लोग भी इस त्यौहार का जमकर लुफ्त उठाते हैं। इस दिन सभी एक दूसरे को गले लगकर बधाई देते हैं और पुराने गिले शिकवों को दूर करते हैं।
होली कैसे मनाई जाती है?
होली का ये उत्सव फागुन के अंतिम दिन होलिका दहन की शाम से शुरु होता है और अगला दिन रंगों में सराबोर होने के लिये होता है। छोटे बच्चे होली के त्यौहार का बड़े उत्सुकता से इंतजार करते है तथा आने से पहले ही रंग, पिचकारी, और गुब्बारे आदि की तैयारी में लग जाते है साथ ही सड़क के चौराहे पर लकड़ी, घास और गोबर के ढ़ेर को जलाकर होलिका दहन की प्रथा को निभाते है।
लोग के दिन लोग सामाजिक विभेद को भुलाकर एक-दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, लोग ढोल बजा कर होली के गीतों पर नाचते-गाते हैं और घर-घर जा कर स्वादिष्ट पकवानों और मिठाईयाँ बाँटकर खुशी का इजहार करते है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं।
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