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गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए 350 करोड़ स्वीकृतः मुख्यमंत्री

IMG-20210305-WA0025-300x200 गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए 350 करोड़ स्वीकृतः मुख्यमंत्री

विधानसभा भवन परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री ने बजट में पहली बार किए गए प्रावधानों की भी दी जानकारी

गैरसैंणः भराड़ीसैंण, गैरसैंण में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने पूरा खाका तैयार किया है। गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए 350 करोड़ रूपए स्वीकृत हैं। वहीं, मुख्यमंत्री घस्यारी योजना से लेकर सौभाग्यवती योजना आदि के लिए पहली बार बजट में प्रावधान किया गया है।

गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने 350 करोड़ रूपए स्वीकृत हैं। इसमें अवस्थापना मद में 50 करोड़, चौखुटिया हवाई अड्डे के लिए 20 करोड़, सचिवालय के लिए 15 करोड़, विधानसभा भवन के लिए 19 करोड़, अंतर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शोध, प्रशिक्षण संस्थान के लिए 1 करोड़, गैरसैंण पेयजल योजना के लिए 106.87 करोड़, पीएनजीएसवाई में 93.25 करोड़, स्टेडियम के लिए 2. 42 करोड, जिसमें से 1. 33 करोड़ दिया़, दिवालीखाला-भराड़ीसैंण डबल लाईन के लिए 8.67 करोड़, सीएचसी हाॅस्पिटल अपग्रेडेशन के लिए 11.50 करोड़ जिसमें 3 करोड़ अवमुक्त, ग्रोथ सेंटर के लिए 17.46 लाख दिया है, 15 लाख देंगे। परिवहन बस डिपो के लिए 5 करोड़, स्किल डेवलपमेंट के लिए 1 करोड़, पुलिस बैरक के लिए 2 करोड़, माध्यमिक शिक्षा के तहत 7 विद्यालय-2 अतिरिक्त कक्षा कक्ष, प्राथमिक शिक्षा के तहत 6 विद्यालय में एक कक्षा कक्ष, उद्यान के अंतर्गत कोल्ड स्टोर एवं प्रौसेसिंग यूनिट के लिए ढाई करोड़, मशरूम उत्पादन यूनिट के लिए 1 करोड़, माली प्रशिक्षण केंद्र के लिए 15 लाख, चाय बोर्ड के अंतर्गत कालीमाटी के लिए 2 करोड़। इसके अलावा गैरसैंण में चाय बोर्ड कार्यालय प्रस्तावित, दूधातौली तक नेचर ट्रेल, कमिशनरी, डीआईजी आफिस, टाउन प्लानिंग व भराड़ीसैंण में हेलीपैड़ के लिए 2 करोड़ रूपए प्रावधानित किए गए हैं। इस हेलीपैड पर एक साथ तीन एमआई हेलीकाॅप्टर उतर सकेंगे।

 

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हमने अपने बजट में मुख्यतः चार बातों पर फोकस किया है। ये हैं- स्वस्थ उत्तराखण्ड, सुगम उत्तराखण्ड, स्वालम्बी उत्तराखण्ड और सुरक्षित उत्तराखण्ड।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना से समाज में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा। भले तत्काल इसका असर नजर न आए। इसके लिए सरकार को तमाम व्यवस्था करनी पड़ेंगी। उन्होंने कहा कि हमारे किसान जो धान और गेहूं पैदा करते हैं। उन्हें घास प्रजाति की मक्का, जई व बरसीन बोने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ऐसे में अनाज से ज्यादा पैसा वह इन फसलों से ले सकते हैं। फेयर प्राइस शाॅप के माध्यम से जिलों में घास को पहुंचाया जाएगा। एक ओर जहां घास बोने से तो पैकिंग से भी इनकम होगी। इस योजना के लिए पहली बार बजट में 25 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार सौभाग्यवती योजना प्रारंभ करेगी। इसके तहत जच्चा-बच्चा को एक किट दी जाएगी जिसमें बच्चे व मां दोनों के लिए जन्म के समय की आवश्यकता वाली चीजों को दिया जाएगा। इसका लाभ पहले बच्चे को दिया जाएगा। यह योजना सरकारी कर्मचारियों, टैक्स पेयर को छोड़कर सब पर लागू होगी

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत न्यायवाद के दौरान महिलाओं को आर्थिक सहायता हेतु 3 करोड़ 60 लाख रूपए की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पति की संपत्ति में महिलाओं को सह-खातेदार का अधिकार प्रदान करने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बड़ा परिवर्तन आएगा। महिला स्वालंबन की दृष्टि से यह मील का पत्थर साबित होगा। यह आवाज देश में उठेगी और देश को भी इसका लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना को लेकर जो परिकल्पना की गई थी आज वह साकार हो रही है। योजना के तहत देशभर के 22 हजार से अधिक अस्पतालों में इलाज किया कराया जा सकता है। वर्ष 2021-22 के लिए इस योजना मद में 150 करोड़ धनराशि का आवंटन किया गया है। 108 इमरजेंसी सेवा के अंतर्गत 271 अत्याधुनिक वाहन उपलब्ध हैं। इसका परिणाम यह हुआ है कि मातृ मृत्यु दर जो पूर्व में प्रति लाख पर 201 थी वह प्रति लाख 99 पर आ गई है। संस्थागत प्रसव पहले 50 प्रतिशत होते थे जबकि अब बढ़कर 71 प्रतिशत हो गया है। इसी तरह टीकाकरण 87 प्रतिशत से बढ़कर 99 प्रतिशत हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। पलायन रोकने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं जबकि अब इसी के परिणाम स्वरूप रिवर्स पलायन भी हो रहा है। प्रदेश में कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हो रहा है। विगत चार वर्षों के दौरान प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 7431 किमी सड़कों का निर्माण किया गया है जो कि पिछले 16 साल में निर्मित कुल 7529 किमी से महज 98 किमी कम है। सरकार ने दशकों से लंबित कई पुुलों एवं सुरंगों का निर्माण पूरा किया है। बजट में प्रदेश की सभी सड़कों के समुचित रखरखाव व नवीनीकरण के लिए पिछले बजट की तुलना में 385 करोड़ की ज्यादा की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में मोटर मार्गों और पुलों के लिए 330 करोड़ का प्रावधान किया गया है। एयर कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए बजट में 181 करोड़ की व्यवस्था की गई है।

स्वावलंबी उत्तराखंड के तहत शिक्षा के बजट में पिछले बजट के मुकाबले 300 करोड़ की वृद्धि की गई है। राज्य सरकार कक्षा एक से 8 तक के बच्चों को निशुल्क जूता और बैग भी देगी। इसके लिए 24 करोड़ की व्यचस्था की गई है। मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना में 20 करेाड़ तो पलायन रोकथाम योजना में 18 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है।

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