उपनल कर्मचारियों को शासन की नसीहत, हड़ताल वापसी के बाद ही होगी वार्ता
प्रदेश में उपनल द्वारा प्रायोजित आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल को राज्य सरकार द्वारा औचित्यहीन बताया है। जबकि राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर उपनल कार्मिकों के मानदेय में वृद्धि की जाती रही, हाल ही में अगस्त 2020 में उनके मानदेय में वृद्धि की गई है।
राज्य सरकार का मानना है कि वर्तमान में विधान सभा सत्र गतिमान होने के साथ ही वित्तीय वर्ष की समाप्ति की ओर है, जबकि कोविड-19 का प्रकोप पूरे देश में व्याप्त है। ऐसे समय में बिना किसी कारण के उपनल कार्मिकों का हड़ताल किया जाना उचित नहीं है।
इस सम्बन्ध में प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि. को सम्बोधित पत्र में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो मांगे उपनल आउटसोर्स कर्मियों द्वारा की जा रही है वह मांगे मा. सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित है तथा इस तथ्य से सभी पक्ष भिज्ञ हैं।
अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी पत्र में प्रबन्ध निदेशक उपनल से यह भी अपेक्षा की गई है कि वे इस सम्बन्ध में सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उपनल आउटसोर्स कर्मियों को तत्काल हड़ताल वापस करने के निर्देश जारी करायें। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि हड़ताल वापस के बाद ही उपरोक्त कर्मियों के साथ सहानुभूतिपूर्वक वार्ता किया जाना उचित होगा।
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