हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों में बढ़ाया जाएगा बीमारियों की जांच का दायरा
देहरादून। प्रदेश में स्थापित हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों में अब बीमारियों की जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। इस कड़ी में इन केंद्रों में प्राथमिक नेत्र, मानसिक स्वास्थ्य रोग, दंत चिकित्सा व जेरियाट्रिक स्वास्थ्य सेवाएं भी दी जाएंगी।
प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत समस्त स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में उच्चीकृत किया जाना है। इसके साथ ही हर सेंटर में एक मिड लेवल हेल्थ प्रोवाइडर की तैनाती की जाएगी। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2023 तक सभी जिलों में 1847 हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसके सापेक्ष अभी तक 600 हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर उच्चीकृत हो चुके हैं। दरअसल, उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं अभी भी बदहाल हालत में ही हैं।
इस दिशा में बीते कुछ वर्षों में प्रयास जरूर हुए हैं लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं अभी तक पटरी पर नहीं आ पाई हैं। इसे देखते हुए कुछ समय पूर्व केंद्र के निर्देशों के क्रम में प्रदेश में स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के रूप में उच्चीकृत कर यहां कप्युनिटी हेल्थ आफिसर की तैनाती करने का निर्णय लिया गया है। मकसद यह कि कम से कम सभी प्राथमिक सुविधाएं इन स्वास्थ्य केंद्रों पर मिल सकें। अभी तक इन हेल्थ केयर सेंटर में सात प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। अब जल्द ही यहां 12 प्रकार की बीमारियों का प्राथमिक इलाज किया जाएगा।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है। इसी कड़ी में हेल्थ केयर सेंटरों की संख्या के साथ ही बीमारियों की जांच का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है।
सेंटरों में इन स्वास्थ्य सेवाओं पर रहेगा फोकस
- डिलीवरी प्वाइंट पर मातृ स्वास्थ्य व देखभाल योजना
- व्यापक नवजात शिशु एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं
- व्यापक परिवार नियोजन सेवाएं
- व्यापक प्रजन्न स्वास्थ्य सेवाएं
- संक्रमणीय बीमारियों का प्रबंधन
- गैर संक्रमणीय बीमारियों की जांच
- बेसिक नेत्र चिकित्सा सेवाएं
- बेसिक ईएनटी सेवाएं
- मानसिक स्वास्थ्य रोगों की जांच
- बेसिक दंत स्वास्थ्य सेवाएं
- बेसिक जेरियाट्रिक स्वास्थ्य सेवाएं
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