सब्जी उत्पादन का हब बनेंगे बागेश्वर के हिमालयी गांव
बागेश्वर : हिमालयी क्षेत्र के काश्तकारों की आय दोगुनी करने के लिए उद्यान विभाग ने कमर कस ली है। काश्तकारों को मौसमी सब्जियों के बीज निश्शुल्क प्रदान करने की योजना है। इसके अलावा अन्य बीजों पर 50 से 75 प्रतिशत तक राज सहायता देने का भी निर्णय लिया गया है। जिन स्थानों पर काश्तकार बेहतर काम कर रहे हैं, वहां खाद, कीटनाशक आदि प्रदान करने की भी योजना है। अलबत्ता सब्जी उत्पादन में जिले को एक हब के रूप में बनाने की पहल विभाग ने शुरू कर दी है।
जिले में लगभग 15 हजार नाली भूमि पर काश्तकार सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं। इस समय कद्दू, खीरा, तूरई, लौकी का प्लांटेशन किया जा रहा है। उद्यान विभाग ने 50 से 75 प्रतिशत राज सहायता में यह बीज काश्तकारों को उपलब्ध कराए हैं। इंडो अमेरिकन हाइब्रिड बीज से बेहतर उत्पादन की उम्मीद है। इसके अलावा टमाटर, शिमला मिर्च आदि के हाइब्रिड बीज काश्तकारों को निश्शुल्क उपलब्ध कराए गए हैं। भिडी, मूली आदि के बीज भी वितरित किए जा रहे हैं। हल्दी और अदरक का बीज भी उद्यान सचल केंद्रों में पहुंच गया है। सहायक उद्यान अधिकारी कुलदीप जोशी ने बताया कि जिले की आबोहवा के अनुसार सब्जी बीजों का वितरण किया गया है। किसानों की आय बढ़ाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
दस हजार काश्तकारों ने कद्दू, खीरा, तूरई और लौकी का प्लांटेशन कर लिया है। जिले के दस उद्यान सचल केंद्रों के माध्यम से काश्तकारों को बीज वितरित किए जा रहे हैं। हिमालयी क्षेत्र के काश्तकारों को खाद, कीटनाशक आदि भी समय-समय पर डिमांड के आधार पर दिए जा रहे हैं।
-आरके सिंह, जिला उद्यान अधिकारी, बागेश्वर।
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