काशीपुर शहर को सँवारने में मदद करेगा IIM काशीपुर
काशीपुर : काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) व आइआइएम ने काशीपुर को माडल शहर के रूप में विकसित करने के लिए गहन मंथन किया। आइआइएम के निदेशक प्रोफ़ेसर कुलभूषण बलूनी ने संस्थान के विभिन्न विभागों के सात विशेषज्ञ प्रोफेसर की टीम के साथ ज्वलंत समस्याओं के निराकरण के लिए योजना बनाने में आइआइएम की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस मुद्दे पर आयोजित बैठक में स्वच्छ काशीपुर बनाने के लिए नगर निगम की भूमिका को प्रभावी बनाने तथा काशीपुर वासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। आत्मनिर्भर काशीपुर बनाने के लिए किसानों की आमदनी बढ़ाने, उन्हें नई तकनीकी का लाभ पहुंचाने व फसलों के प्रबंधन के लिए उन्हें ट्रेनिग दिए जाने के लिए आइआइएम प्रोफेसर बलूनी ने सहयोग देने का आश्वासन दिया। प्रो. बलूनी ने कहा काशीपुर में स्थापित उद्योगों जैसे पेपर मिल व टैक्सटाइल पर आधारित उद्योगों तथा फूड प्रोसेसिग उद्योगों को लगाने के लिए स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उन्हें सहयोग करने के लिए आइआइएम स्टार्टअप योजना में लोकल उद्यमियों को प्राथमिकता देगा। उन्होंने कहा कि काशीपुर ऐतिहासिक नगरी रही है और कभी यह उ“शिक्षा के केंद्र के रूप में जानी जाती थी। इसे उत्तराखंड निर्माण के समय से पुन: नालेज हब बनाने की कल्पना नगरवासियों ने की थी।
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया की काशीपुर के विकास में जब तक स्थानीय नागरिकों का योगदान नहीं होगा तब तक विकास के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसके लिए नगरवासियों में सामूहिकता की भावना पैदा करनी होगी। इसके केडीएफ व आइआइएम वातावरण बनाने का प्रयास करेंगे।
बैठक में प्रो. राजीव कुमार, प्रो. हरीश कुमार, प्रो. शोभा तिवारी, प्रो. वैभव, प्रो. कुमकुम भारती, डा. विनय शर्मा व आइआइएम कोऑíडनेटर सुमित चतुर्वेदी, केडीएफ़ के वरिष्ठ सदस्य योगेश जिदल, डा. रवि सिघल, डा. एसपी गुप्ता, रितु भल्ला, डा. डीके अग्रवाल, अरुण भक्कु, स्वतंत्र मल्होत्रा, मधुप मिश्रा, सुरुचि सक्सेना, मुदित अग्रवाल, आरुषि नागर, आयुष मल्होत्रा, मुनीश कुमार, राजीव घई आदि मौजूद थे।
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