उत्तरकाशी का मानपुर गांव बना शहद उद्योग का केंद्र ” हनी विलेज
उत्तरकाशी: गंगोत्री-केदारनाथ मार्ग पर स्थित उत्तरकाशी जिले का मानपुर गांव हनी गांव बनने की ओर अग्रसर है। गांव के 261 में से 92 परिवार मौन पालन से जुड़ चुके हैं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना को दिसंबर 2021 तक ग्रामीणों की आय में शहद उत्पादन से 30 फीसद बढ़ोत्तरी करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से परियोजना से जुड़े अधिकारी ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने में जुटे हुए हैं।
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 12 किमी की दूरी पर स्थित मानपुर गांव में मौन पालन की आदर्श स्थितियां हैं। इस गांव में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की ओर से वित्तपोषित मौन पालन योजना संचालित हो रही है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कुछ माह पूर्व इस गांव का निरीक्षण कर यहां हर परिवार को मौन पालन से जोड़ने के निर्देश दिए थे। मानपुर निवासी शूरवीर सिंह भंडारी ने बताया कि वे वर्ष 1972 से मौनपालन का कार्य कर रहे हैं। अब अन्य ग्रामीण भी उनसे प्रेरणा लेकर मौनपालन में जुटे हैं।
उनकी हार्दिक इच्छा है कि मानपुर को हनी गांव के रूप प्रसिद्धि मिले और राज्य स्तर पर सर्वाधिक शहद की आपूर्ति मानपुर से हो। साथ ही शहद ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य स्त्रोत भी बने। कहा कि अगर हर परिवार मौन पालन से जुड़ेगा तो खेती और प्रकृति से भी जुड़ेगा। साथ ही गांव से पलायन भी रुकेगा। कहा कि जिला प्रशासन और एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की मौन पालन को लेकर यह अच्छी पहल है।
मानपुर के 261 परिवारों को मौन पालन आजीविका से जोड़ने का लक्ष्य है। ग्रामीणों में भी इसे लेकर उत्साह हैं। उन्हें प्रशिक्षण देने के साथ ही बी बाक्स व बी कालोनी उपलब्ध कराई जा रही है। शहद की मार्केटिंग के लिए हिलांस ब्रांड के तहत योजना बनाई जा रही है, ताकि ऑनलाइन और और ऑफलाइन बिक्री हो सके।’
-कपिल उपाध्याय, प्रभागीय परियोजना प्रबंधक, उत्तराखंड ग्राम्य विकास समिति, उत्तरकाशी
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