टेलीकॉम लाइसेंस नियमों में बदलाव करने जा रही मोदी सरकार
नई दिल्ली, प्रेट्र। चीन के नेटवर्क उपकरणों पर लगाम के लिए सरकार टेलीकॉम लाइसेंस के नियमों (Telecom Licence) में बदलाव की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार जल्द ही टेलीकॉम लाइसेंस नियमों में संशोधन कर सकती है। इसके जरिए चीन और अन्य गैर-मित्र देशों से नेटवर्क उपकरणों की खरीद को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इसके तहत सरकार देश के टेलीकॉम नेटवर्क में प्रयोग के लिए विश्वसनीय स्रोतों और उत्पादों की सूची घोषित करेगी।
सूत्रों ने बताया कि नियमों को नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव के दिशानिर्देशों के अनुरूप किया जाएगा। डायरेक्टिव के प्रविधानों के अनुसार, सरकार देश में टेलीकॉम नेटवर्क के उपकरणों के इंस्टॉलेशन के लिए भरोसेमंद स्रोत एवं उत्पादों की सूची जारी करेगी। इस सूची का फैसला राष्ट्रीय उप सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में गठित कमेटी की मंजूरी के आधार पर होगा। कमेटी में संबंधित विभागों, मंत्रालयों के सदस्य, उद्योग जगत के दो प्रतिनिधि और स्वतंत्र विशेषज्ञ भी होंगे।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि टेलीकॉम विभाग लाइसेंस शर्तों में राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश से संबंधित दिशानिर्देशों को शामिल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। आने वाले हफ्तों में इसकी घोषणा की जा सकती है। विशेष रूप से चीनी टेलीकॉम उपकरण निर्माता हुवावेई का कनाडा और अमेरिका की सरकारों के साथ लंबा विवाद रहा है। अमेरिका ने हुवावेई पर साइबर सुरक्षा और निजता कानूनों का पालन न करने का आरोप लगाया, जिससे देश और नागरिक जासूसी का शिकार हो गए।
दूरसंचार नेटवर्क में स्थापना के लिए विश्वसनीय स्रोत और उत्पाद की सूची उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता वाली समिति की मंजूरी के आधार पर तय होगा। इसमें समिति में संबंधित विभागों, मंत्रालयों के सदस्य के अलावा उद्योग और स्वतंत्र विशेषज्ञों के दो सदस्य भी शामिल होंगे। सरकार ने सीधे तौर पर चीन की कंपनियों से उपकरणों की खरीद पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। इसके लिए सामान्य वित्तीय नियमों (जीएफआर) 2017 में संशोधन किया गया है।
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