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मनीलांड्रिंग के आरोपों का जवाब दें डा. पंवार

मनीलांड्रिंग के आरोपों का जवाब दें डा. पंवार

गुणानंद जखमोला की कलम से 

पहाड़ के लिए समर्पित डा. पंवार की साख पर बड़ा सवाल
यदि आरोप झूठे हैं, तो पत्रकार उमेश कुमार के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई

देहरादून में आयोजित विधानसभा सत्र में कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने सोशल ग्रुप पर 180 करोड़ रुपये के मनीलांड्रिंग के आरोप लगाये। सत्र के बाद काजी निजामुद्दीन ने पिछले तीन माह के दौरान दोबारा इस मामले को नहीं उठाया न ही किसी कांग्रेसी ने ऐसा किया। संभवत एक बड़ा कारण यह रहा होगा कि उन्हें कोई गड़बड़ी नहीं मिली होगी। सोशल ग्रुप ने भी मनीलांड्रिंग के आरोपों का खारिज किया। बात आईं-गई हो गयी।

 

पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर पत्रकार उमेश कुमार लगातार पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार डा. के एस पंवार के ग्रुप पर हमले कर रहे हैं। उनका कहना है कि लगभग 300 करोड़ रुपये की मनीलांडिंªंग है। फरवरी 2018 तक मैंने डा. पंवार को नजदीक से देखा और उनकी कार्यप्रणाली को भी।

मैंने महसूस किया कि वो पहाड़ के लिए समर्पित हैं। उन्होंने एक हजार से भी अधिक पर्वतीय लोगों को रोजगार दिया है। वो हर-एक की मदद के लिए तैयार भी रहते थे। पिछले तीन साल से मैं उनसे नहीं मिल सका। अब मुझे नहंीं पता कि सत्ता के निकट होने पर क्या उनकी भावनाएं बदली होंगी? सत्ता मद में चूर हुए होंगे?
लेकिन मनी लांडिंªंग मामले में उनकी छवि को खासा नुकसान पहुंच रहा है।

यह विपक्ष या उनके विरोधियों की चाल हो सकती है। ऐसे में डा. पंवार को आगे आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए। ये मेरी निजी राय है। या कानूनी सलाह लेनी चाहिए और यदि झूठ हे तो पत्रकार उमेश पर मुकदमा या मानहानि का केस करना चाहिए।

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