Site icon Memoirs Publishing

कुत्तों में तेजी से फैल रहा पार्वो वायरस,सतर्क रहने की सलाह

देहरादून। पक्षियों में बर्ड फ्लू फैलने के बाद अब कुत्तों में पार्वो वायरस तेजी से फैल रहा है। इस वायरस की चपेट में आने वाले कुत्तों में उल्टी- दस्त की शिकायत हो रही है। वर्तमान में ये बीमारी कुत्तों में काफी तेजी से फैलती जा रही है। इस बीमारी के कारण कुत्तों की आंतों में संक्रमण हो जाता है और पेट में खून के थक्के बन जाते हैं। पशु चिकित्सालय में कुत्ता पालने वाले लोग भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। डोईवाला पशुचिकित्सालय के पशु चिकित्सक डीपी ममगाईं ने बताया कि कुत्तों में पार्वो वायरस काफी तेजी से फैल रहा है। ये एक
जानलेवा बीमारी है। हालांकि इंसान को इस बीमारी से कोई खतरा नहीं है। लेकिन जिन लोगों ने कुत्ता पाल रखा है, उन्हें कुत्ते में उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर उसका इलाज अवश्य कराना चाहिए। क्योंकि ये बीमारी कुत्ते के लिए जानलेवा हो सकती है। कुत्ते की हालत ज्यादा गंभीर होने पर उसे ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुत्ते का इलाज कराने के एक हफ्ते बाद वो बिल्कुल ठीक हो जाता है। वहीं, स्थानीय निवासी महिपाल ने बताया कि उनके क्षेत्र के कुत्तों में ये वायरस काफी तेजी से फैल रहा है। लेकिन हॉस्पिटल में इस वायरस के इलाज की सुविधाएं नहीं हैं, जिसके अभाव में भारी तादात में कुत्तों की मौत हो रही है। पशु चिकित्सक बताते हैं कि पार्वो वायरस छोटे जानवरों के लिए बेहद खतरनाक होता है। कुत्तों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पाया गया है कि इस वायरस से उनकी आंतों में संक्रमण हो जाता है, जिससे कुत्ते की आंत सड़ने लगती है और आंत में खून के थक्के जम जाते हैं। जिसके बाद कुत्ते को खून की उल्टियां होने के बाद मौत हो जाती है। इस बीमारी में समय से इलाज न मिलने पर कुत्ते की मौत निश्चित है। पार्वो वायरस से बचाने के लिए जन्म के डेढ़ महीने से साढ़े तीन महीने तक तीन टीके लगवाने पड़ते हैं। पार्वो वायरस से संक्रमित कुत्तों के व्यवहार में कई तरह के बदलाव आ जाते हैं। कुत्तों को खांसी आने लगती है। इसके साथ ही खाना और पानी छोड़ देते हैं। संक्रमण जब पूरी तरह से हावी हो जाता है तो खून की उल्टियां दस्त शुरू हो जाते हैं। इसके बाद कुत्तों की मौत हो जाती है. समय से वैक्सीनेशन ही मात्र उपचार है।

Share this content:

Exit mobile version