सचिन वाजे को 3 अप्रैल तक NIA कस्टडी में भेजा गया
मुंबई के निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को 3 अप्रैल तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के कस्टडी में भेजा गया है. इससे पहले एंटीलिया मामले में एजेंसी ने वाजे की 15 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. जांच एजेंसी ने कहा है कि UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम एक्ट) के तहत 30 दिन की कस्टडी मिलती है.
वहीं सर्च ऑपरेशन के दौरान जांच एजेंसी को 62 अनअकाउंटेड बुलेट्स मिले हैं. जबकि 30 आधिकारिक बुलेट्स में से मात्र 5 बुलेट ही मिले हैं. यानी कि 25 बुलेट्स के हिसाब नहीं दिए गए हैं. एनआईए ने कहा कि यह जानने की जरूरत है कि वो बुलेट्स कहां हैं और यह जानने की भी जरूरत है कि 62 अनअकाउंटेड बुलेट्स कहां से आए?
एनआईए ने यह भी कहा है कि काफी सारे सीडीआर डाटा को अभी खंगालना है. क्योंकि वाजे ने काफी सारे डाटा को नष्ट कर दिया है. इन सबको वापस पाना बेहद जरूरी है. आरोपी के वॉइस सैंपल ले लिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक आरोपी ने 7-8 डीवीआर नष्ट कर दिए हैं.
सचिन वाजे के वकील आबाद पोंडा ने सुनवाई के दौरान कहा कि UAPA इनपर लागू नहीं हो सकता है, क्योंकि उनका इरादा किसी समुदाय या देश के खिलाफ नहीं था. गिलेटिन की छड़ें विस्फोटक पदार्थ नहीं है. उसे एक्टिव करने के लिए डिटोनेटर्स की जरूरत होती है. इसलिए गिलेटिन की छड़ें बम नहीं हैं. उनकी पुलिस कस्टडी बढ़ाने के लिए उनपर UAPA लागू किया गया है.
वाजे के वकील ने अदालत से अनुरोध किया है कि उन्हें एनआईए की कस्टडी में ना भेजा जाए. वाजे ने कहा कि इस केस में मुझे बलि का बकरा बनाया गया है. मेरा क्राइम से कोई लेना देना नहीं है. मैंने इस केस की जांच की क्योंकि मैं इसमें इंवेस्टीगेशन ऑफिसर था. क्राइम ब्रांच और मुंबई पुलिस ने वही किया जो हमें करना था. लेकिन अचानक बदलाव कर दिया गया.
सचिन वाजे के साथ कार में थे मनसुख हिरेन
मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में एक नया खुलासा हुआ. एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें सचिन वाजे और मनसुख हिरेन एक ही कार में सवार दिखाई दे रहे हैं. एंटीलिया केस में जिस स्कॉर्पियो से जिलेटिन की छड़ें बरामद की गई थी, हिरेन उसके मालिक हैं. बताया जा रहा है कि यह सीसीटीवी फुटेज 17 फरवरी का है.
सीसीटीवी फुटेज में सफेद रंग की एक कैब सीएसटी स्टेशन पर रुकती है, उससे मनसुख हिरेन बाहर निकलते हैं. दूसरे सीसीटीवी फुटेज में एक नीली ऑडी कार दिखाई दे रही है, जिसका इस्तेमाल सचिन वाजे कर रहे थे. यह ऑडी कार एक ट्रैफिक सिग्नल पर रूकती है, जिसमें मनसुख हिरेन सवार हो जाते हैं.
नीली ऑडी कार को सचिन वाजे चला रहे थे और उनकी कार में मनसुख हिरेन बैठते दिकाई दे रहे हैं. आपको बता दें कि 4 मार्च को मनसुख की लाश मिली थी. उनकी संदिग्ध मौत हुई थी. परिजनों का आरोप था कि मनसुख की हत्या सचिन वाजे ने की. इस मामले की एटीएस जांच कर रही थी, लेकिन अब एनआईए जांच करेगी.
इस बीच सचिन वाजे को लेकर महाराष्ट्र एटीएस सूत्रों के हवाले से खबरें हैं कि 4 मार्च को वाजे ने फोन करके मनसुख हिरेन को ठाणे बुलाया था, साथ में 3- 4 लोग भी थे और बाद में दफ्तर लौटकर वाजे ने रेड के जरिए जांच को गुमराह करने की कोशिश भी की. पुलिस को फॉरेंसिंक रिपोर्ट का इंतजार है.
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