श्री भवानी शंकर आश्रम रुड़की में महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्तों ने किया शिवलिंग पर जलाभिषेक, भक्ति से हुए सराबोर
श्री भवानी शंकर आश्रम रुड़की में बृहस्पतिवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्तों ने शिवलिंग पर श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ जलाभिषेक किया और भगवान् शिव की पूजा उपासना की। इस अवसर पर आश्रम को विभिन्न रंगों की रौशनी और अन्य साज सज्जा से अलंकृत किया गया और आश्रम की ओर से भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। आश्रम में सोशल डिस्टेंडिंग और फेस मास्क जैसी सावधानियों को बरता गया।
श्री महंत रीमा गिरि जी ने महाशिवरात्रि के महत्व को समझाते हुए कहा की यद्यपि महाशिवरात्रि को लेकर अनेक कथाएं और प्रेरक प्रसंग प्रचलित हैं, तथापि इस दिन का आध्यात्मिक महत्व विशेष है। भगवान् शिव सब जीवों के आत्मा में परमात्मा रूप में सदा स्थित हैं और महाशिवरात्रि का पर्व मनुष्य के अपने आत्मा में स्थित परमात्मा को पहचानने और उसका साक्षात्कार करने का परिचायक है। मानव अपने स्वयं के भीतर स्थित महादेव को पहचान कर स्वयं को उनमे समर्पित कर दे, यही भक्ति की सर्वोच्च स्थिति होती है। ऐसा भक्त स्वयं शिवरूप हो जाता है। शिवपुराण के अनुसार, महादेव शिव यही स्थिति पाने के लिए भक्तों को सदा प्रेरित करते हैं, और ऐसे भक्त उन्हें सबसे प्रिय होते हैं।
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