त्रिवेंद्र के लिए ग्रहण साबित हुए गैरसैंण पर तीरथ सरकार लेगी यू टर्न , भावना पांडे ने कहा तीसरा विकल्प करेगा स्वागत
उत्तराखंड की सियासत में गैरसैंण हमेशा से ही केंद्र में रहा है। राज्य निर्माण से लेकर 20 साल के हो चुके देवभूमि की सियासत भी इसी गैरसैण के इर्द-गिर्द घूमती रही है । लेकिन किसे पता था कि गैरसैंण ही एक चुनी हुई प्रचंड बहुमत की त्रिवेंद्र सरकार को ले डूबेगी ।
दरअसल बिना किसी को भरोसे में लिए और कुछ अलग और अनोखा करने के चक्कर में जिस गैरसैंण मंडल बनाने की घोषणा पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने की थी अब उस पर नए मुख्यमंत्री तीरथ यू टर्न लेते हुए कुछ नया फैसला ले सकते है , क्योंकि गैरसैंण हमेशा से ही पहाड़ की राजनीति में एक संवेदनशील मुद्दा रहा है जिसमें लोगों की भावनाएं और कुमाऊं मंडल से जुड़े तमाम विधायकों का भविष्य टिका होता है। ऐसे में बहुत उम्मीद है कि इस भावनात्मक मुद्दे पर तीरथ सिंह रावत अपने पूर्व साथी त्रिवेंद्र के किए फैसले का एकदम उलट निर्णय करेंगे।
हाल ही में भराड़ीसैंण विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से गैरसैंण को मंडल बनाने की जो घोषणा हुई थी, तीरथ सिंह रावत की सरकार उसे पलट सकती है। इसके पीछे मुख्य वजह कुमाऊं मंडल में नेता और जनता में बढ़ा असंतोष है।
मीडिया से बात करते हुए दो सांसद और एक विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता ने इसके साफ संकेत भी दे दिए हैं ।आपको बता दें कि भराड़ीसैंण में विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को मंडल बनाने की घोषणा की थी। उन्होंने इसमें कुमाऊं मंडल से अल्मोड़ा, बागेश्वर और गढ़वाल मंडल से चमोली व रुद्रप्रयाग को शामिल करने को कहा था। उनकी इस चौंकाने वाली घोषणा से खासकर कुमाऊं मंडल में भारी असंतोष पैदा हो गया। इसी असंतोष के बीच त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी चली गई
गैरसैण मंडल का फैसला वापसी स्वागत योग्य होगा – भावना पांडे वहीँ इस संभावित फैसले पर जब मीडिया ने तीसरा विकल्प की संयोजक भावना पांडे से उनकी राय जानी तो उनका कहना है कि त्रिवेंद्र सरकार की कुर्सी इसीलिए गयी। क्योंकि उन्होंने जन भावनाओं के खिलाफ जाकर नए मंडल की घोषणा की और उसमें कुमायूं के ज़िलों को शामिल करके देवभूमि से छेड़छाड़ करने की गलती कर दी। अब अगर भाजपा के जन प्रतिनिधि जनभावनाओं को समझ कर पूर्व केगलत फैसलों को बदलने का दबाव दे रहे हैं तो ये जनहित में होगा और तीसरा विकल्प इस फैसले का स्वागत करेगा।
इसके साथ ही उन्होंने बिशन सिंह चुफाल को संभावित मंत्रीमंडल में शामिल किये जाने की ख़बरों पर तंज कसते हुए कहा क़ी मंत्री बनने से पहले चुफाल को अपनी विधायक निधि खर्च कर जनता के रुके विकास कार्य भी कराने चाहिए। वही मंत्री रेखा आर्य को लेकर भी भावना पांडे ने साफ़ किया कि चार साल तक एक मंत्री के रूप में रेखा आर्य की कोई अपनी उपलब्धि नहीं है बल्कि उनके नाम पर मंत्री जी से ज्यादा उनके पति का रौब ही जनता और अधिकारीयों पर दिखाई दिया है जिसका खामियाज़ा पूर्व सीएम त्रिवेंद्र और जनता दोनों को भुगतना पड़ा है। अब ऐसे में जिस गैरसैण के मुद्दे को उन्होंने उठाया था उस पर सरकार बैकफुट पर आती है तो ये हम सब के हित में होगा
अब नई सरकार में गैरसैंण मंडल की घोषणा वापस लेने की प्रबल संभावनाएं बन गई हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल ने मीडिया से बातचीत में इस संभावित फैसले के संकेत दिए हैं । उन्होंने कहा कि गैरसैंण मंडल पर सरकार पुनर्विचार कर सकती है। वहीं, नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने भी कहा कि सरकार गैरसैंण मंडल के फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है। क्योंकि अभी यह सिर्फ घोषणा थी, इसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। वहीं, अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा ने कहा कि सरकार इस फैसले पर फिर से विचार कर सकती है। यानि इतना तो तय है कि तीरथ सरकार पूर्व की त्रिवेंद्र सरकार के हर उस फैसले की समीक्षा करेगी जिस पर संगठन और जनता का असंतोष बढ़ता देखा गया था।
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