विकास प्राधिकरणों में भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश: भावना पांडे
– सीएम तीरथ सिंह रावत का जताया आभार, कहा आम लोगो को मिली राहत
– मौका मिले तो सीएम के सामने अफसरों की पोल खोलने को तैयार
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने जिला विकास प्राधिकरणों में भवन नक्शे की बाध्यता को समाप्त किये जाने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से विकास प्राधिकरणों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले से आम जनता को राहत मिलेगी। भावना पंाडे ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वो उनको मिलने के लिए समय दें ताकि वह प्रदेश के अफसरों के घोटालों और षडयंत्रों का खुलासा कर सकें।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि जिला विकास प्राधिकरणों में आम जनता से नक्शे पास कराने के नाम पर खुली लूट मची थी। प्राधिकरण में 25 हजार रुपये का काम ढाई लाख रुपये में किया जा रहा था। उन्होंने इस मामले में पिथौरागढ़ का एक मामला हाल में उठाया था। नये सीएम के इस फैसले से प्राधिकरणों मे ंचल रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। भावना पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री से वह प्रदेश के अफसरों की पोल खोलना चाहती हैं कि क्यों इस प्रदेश का विकास नहीं हो रहा है? कैसे प्रदेश के अफसर निजी स्वार्थ के लिए प्रदेश के हितों की अनदेखी कर रहे हें? कैसे सचिवालय समेत नौकरशाही में भ्रष्टाचार पनप रहा है। भावना पांडे ने दावा किया कि वो दस्तावेजों और तथ्यों के आधार पर षड़यत्रों और भ्रष्टाचार का खुलासा करेंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उन्हें मिलने के लिए बुलाएं तो वो समस्त कैबिनेट और ब्यूरोक्रेट के सामने सच उजागर करेंगी कि आज प्रदेश की दयनीय स्थिति क्यों है?
भावना पांडे ने कहा कि वो एक राज्य आंदोलनकारी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की बेटी होने के कारण उनका कर्तव्य है कि प्रदेश को यूं बर्बाद न होने दें। उन्होंने कहा कि वो सीएम को बताना चाहती हैं कि कैसे अफसरों की खनन माफिया से मिलीभगत होती हैॅ और राज्य को हर साल 350 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा हैॅ। उन्होंने कहा कि वो सीएम को बताना चाहती हैं कि जब वो खनन को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले आई और स्वच्छ गंगा के लिए पत्र लिखना था तो तत्कालीन अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने क्या कहा, संत, डीएफओ आकाश वर्मा और आईएएस दीपक रावत ने क्या कहा। क्यों 8 मई 2019 को सचिवालय में आम जनता के आने पर रोक लगा दी गई ताकि वो सचिवालय न आ सकें। भावना ने कहा कि उन्होंने तभी संकल्प लिया था कि वो पूरे सम्मान के साथ ही सचिवालय में आएंगी। नही ंतो भी नहीं आएंगी।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि अफसर हाईकोर्ट के आदेशों के साथ भी खिलवाड़ करते हैं। यदि उन्हें हाईकोर्ट खनन बंद करने का आदेश देती है तो तुरंत कार्रवाई हो जाती है। यदि खनन की अनुमति मिलती है तो अफसर टालमटोल करते हैं, क्योंकि उनको खनन माफिया से गठजोड़ है। भावना के अनुसार उन्होंने अपना पूरा जीवन प्रदेश को समर्पित किया। वो प्रदेश का भला चाहती हैं और इसके लिए अभियान चला रही हैॅं। उन्होंने कहा कि यह देवभूमि है और यहां देवता भी आम जनता की सुनते हैं। इसलिए त्रिवेंद्र सरकार चली गयी। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वो उनको मिलने के लिए बुलाएं। वह अपना पक्ष रखना चाहती हैं कि वो आज पीड़ा में क्यों हैं।
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इंदिरा करें भजन-कीर्तन, युवाओं को मौका दें
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने श्रीनगर में जनाक्रोश रैली में वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश के बीमार होने पर चिन्ता जतायी। उन्होंने इंदिरा के स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि अब उनकी उम्र भजन-कीर्तन करने और घर पर आराम करने की है। वो 80 साल से भी अधिक उम्र की हैं। उन्हें राजनीति से रिटायर हो जाना चाहिए और किसी युवा को मौका देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि अब भी इस उम्र में कुर्सी का क्या लालच? उन्होंने सलाह दी कि इंदिरा घर पर ही आराम करें। साथ ही तंज कसा कि प्रदेश के कुछ नेताओं के लिए सोने की कुर्सियां बना दी जानी चाहिए ताकि वो इन कुर्सियों में बैठे ही सीधे स्वर्ग गमन कर सकें।
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