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नियुक्ति के विरोध में 22 और 23 मार्च को कार्य बहिष्कार

देहरादून। जिलाधिकारी को भेजे गए ज्ञापन में महासंघ के पदाधिकारियों ने लिखा है कि प्रदेश की तमाम तहसीलों में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के रिक्त पदों पर लिपिकीय संवर्ग से पदोन्नत मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को तैनात कर दिया गया है, जोकि जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम और भूलेख नियमावली की व्यवस्थाओं के विपरीत है। ज्ञापन में लिखा गया है कि वर्तमान समय में विभिन्न तहसीलों में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के 80 फीसदी पद रिक्त चल रहे हैं। नियमों में प्रत्येक वर्ष डीपीसी कराए जाने की व्यवस्था होने के बावजूद राजस्व परिषद द्वारा सन् 2018 से रिक्त पदों पर डीपीसी नहीं करवाई जा रही है। कलक्ट्रेट के मिनिस्ट्रियल संवर्गीय कर्मचारियों को नियम के विरुद्ध तहसीलदार और नायब तहसीलदार का चार्ज दिया जा रहा है, जिससे राजस्व संबंधी कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। संघ के जिलाध्यक्ष तिलक राम जोशी ने बताया कि उपरोक्त नियम विरुद्ध व्यवस्था के विरोधस्वरूप आगामी 22 और 23 मार्च को देहरादून जनपद सहित पूरे प्रदेश में राजस्व निरीक्षक, उपनिरीक्षक और राजस्व सेवक सेवक संघ द्वारा दो दिवसीय कार्य बहिष्कार किया जाएगा। उपरोक्त आदेश निरस्त न होने पर आगामी एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल की जाएगी। ज्ञापन सौंपने वालों में मोती लाल जिनाटा, चतर सिंह चैहान, घुटन सिंह चैहान, केशव दत्त जोशी और ईश्वरी दत्त शर्मा आदि मौजूद थे।

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