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यदि त्रिवेंद्र नकारा थे तो उन्हें चार साल सत्ता क्यों दी: भावना पांडे

यदि त्रिवेंद्र नकारा थे तो उन्हें चार साल सत्ता क्यों दी: भावना पांडे
त्रिवेंद्र सरकार के फैसलों को पलट रहे तीरथ, ये क्या षडयंत्र
भाजपा तय करे कि कौन जिम्मेदार, नही ंतो जनता सिखाएगी सबक

देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि तीरथ सिंह रावत सरकार अब त्रिवेंद्र सरकार के फैसलों को पलट रही है। इससे जनता में यह संदेश गया है कि त्रिवेंद्र सरकार ने जनविरोधी फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि जब त्रिवेंद्र जनविरोधी फैसले ले रहे थे तो भाजपा ने उन्हें चार साल मुख्यमंत्री क्यों रहने दिया? भावना पांडे के अनुसार यह भाजपा का जनता को बरगलाने का तरीका है। उन्होंने कहा कि भाजपा को तय करना होगा कि त्रिवेंद्र गलत थे या तीरथ सही। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा यह नहीं बताएगी तो जनता उन्हें चुनाव में सबक सिखा देगी।

राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि भाजपा ने प्रदेश में नया ड्रामा शुरू किया है। नये मुखिया तीरथ सिंह रावत लगातार पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के कई फैसलों को पलट रहे हैं। त्रिवेंद्र रावत उपनल के कर्मचारियों को नौकरी से हटाना चाहते थे तो तीरथ उनकी नौकरी बहाल करना चाहते हैं। उन्होंने पूछा कि ऐसा क्या है कि त्रिवेंद्र के फैसले पलटे जा रहे हैं। यदि ऐसा ही था तो भाजपा हाईकमान ने त्रिवेंद्र सरकार को चार साल क्यों सहा? यदि अफसरों ने मनमानी की तो इसका दोषी कौन है? भावना के अनुसार दरअसल यह षडयंत्र है। भाजपा त्रिवेंद्र के सिर नाकामियों का ठीकरा फोड़ कर जनता को बरगला रही है। जबकि नाकामियो के लिए भाजपा के सभी मंत्री और विधायक भी दोषी हैं। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा तय करे कि त्रिवेंद्र का चुनाव गलत था या सही। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया तो जनता बताएगी कि भाजपा को चुनना उनकी भूल थी। भावना पांडे ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा का सफाया हो जाएगा।

भावना पांडे ने सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी से अपील की है कि नदी-नालों के किनारे झुग्गियों में रहने वाले गरीब लोगों को घर बनाकर दें। उन्होंने कहा कि नेताओं ने इन झुग्गी बस्तियों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है। लेकिन इनका जीवन स्तर सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यहां पर्वतीय मूल के गरीब लोगों ने घास काटकर, जेवर बेचकर, बर्तन मांजकर यहां सिर छिपाने की जगह ली है और अब इस पर स्मार्ट सिटी और मेट्रो का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि इन बस्तियों में बड़ी संख्या में अवैध वोटर हैं जो बिहार, बंगाल, बंग्लादेश और नेपाल से आए हैं। इनकी पहचान की जानी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वो उत्तराखंड के गरीब जनता जो इन बस्तियों में रह रही है, उनके खिलाफ नहीं हैं। वो चाहती हैं कि बस्तियों में रहने वाले लोगों को जीवन स्तर सुधरे। उन्होंने भाजपा सरकार को चेतावनी दी कि यदि इन झुग्गी बस्तियों वालों को मकान नहीं दिये तो वो सुप्रीम कोर्ट में यह मुद्दा ले जाएंगी।

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