उत्तरकाशी की पौराणिक पंचकोसी वारुणी यात्रा पर लगी रोक
उत्तरकाशी। कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को देखते हुए पौराणिक और एतिहासिक पंचकोसी वारुणी यात्रा पर वर्ष 2020 की तरह इस वर्ष भी प्रशासन ने रोक लगा दी है। भटवाड़ी तहसील के मजिस्ट्रेट और एसडीएम देवेंद्र नेगी ने इस बाबत आदेश जारी किए हैं। साथ ही यात्रा के संचालकों और श्रद्धालुओं से भी यात्रा में शामिल न होने की अपील की है। इस बार यह यात्रा आठ अप्रैल को होनी तय थी, जिसके लिए छह गांवों में तैयारियों चल रही थी।
हर वर्ष होने वाली वारुणी पंचकोसी यात्रा यानी वरुणावत परिक्रमा का विशेष धार्मिक और पौराणिक महत्व माना जाता है। 15 किलोमीटर किमी पैदल चलकर वरुणावत पर्वत की परिक्रमा कर पूरी होती है। वारुणी पंचकोसी यात्रा चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन हर वर्ष होती आ रही है। इस बार यह यात्रा आठ अप्रैल को तय थी। यात्रा मार्ग पर व्यासकुंड, गोतम गंगा, तपलिनी ऋषि की गुफा और कई देव स्थल विराजमान हैं।
कहा जाता है कि महर्षि वेदव्यास और आदि शंकराचार्य के बीच जो शास्त्रार्थ हुआ था वह इस यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले व्यास कुंड के निकट हुआ था। यहीं आदि शंकराचार्य ने महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित बह्मसूत्र की व्याख्या भी यहीं की। इसलिए इस यात्रा मार्ग पर हर पड़ाव महत्वपूर्ण हैं। अनादिकाल से यह यात्रा चली आ रही है।
इस यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, लेकिन इस बार भी कोरोना वायरस संक्रमण होने की आशंका के चलते भटवाड़ी तहसील के मजिस्ट्रेट और एसडीएम देवेंद्र नेगी ने यात्रा पर रोक के आदेश जारी किए। उपजिलाधिकारी देवेंद्र नेगी ने सभी ग्रामीणों से अपील की है कि सामूहिक कार्यों को टालने और भीड़-भाड़ में जाने से बचने का प्रयास करें। कोरोना से निपटने के लिए सर्तकता और सफाई पहली जरूरत है। कोरोना वायरस से बचाव ही सबसे बड़ा उपचार है।
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