बड़ा खुलासा: देश के गरीबों को ऐसे लूट रहे हैं ये बड़े बैंक
आईआईटी बॉम्बे की स्टडी में एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है. इस स्टडी में पता चला है है कि कैसे देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक और कुछ बड़े बैंक गरीबों के खाते से सर्विसेज के नाम पर मोटी कमाई कर रहे हैं. आईआईटी बॉम्बे की इस स्टडी में बताया गया है कि सेविंग अकाउंट हो या जनधन खाता. ये बड़े बैंक गरीबों से कैसे वसूली कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि देश के ये बड़े बैंक सर्विसेज के नाम पर गरीबों की मेहनत की कमाई पर कैसे डाका डाल रहे हैं.
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की बात की जाएं तो इस बैंक ने बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट के खाताधारकों से हर चार निकासी के बाद प्रत्येक विदड्राल पर 17.70 रुपए का चार्ज काटा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे बड़े बैंक ने अपने 12 करोड़ बीएसबीडी अकांउट होल्डर्स से सर्विस के नाम पर पूरे 308 करोड़ की वसूली की है. बैेंक ने 308 करोड़ की रकम 6 साल में वसूल की है
पंजाब नेशनल बैंक का हाल
गरीबों का पैसा लूटने में केवल देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई ही नहीं बल्कि दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक भी पीछे नहीं है. इस बैंक के पास बीएसबीडी खाताधरकों को संख्या 3.9 करोड़ की है. जिनसे इस बैंक के सर्विसेज के नाम पर 9.9 करोड़ रुपए जुटाए हैं. दरअसल ये बैंक छोटी छोटी रकम लोगों के खातों से काटकर एक मोटी रकम इक्कठा कर लेते हैं और ग्राहकों को पता भी नहीं चल पाता.
RBI के नियमों का हो रहा उल्लंघन
आईआईटी बाम्बे की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये बड़े बैंक आरबीआई के नियमों का भी खुला उल्लंघन कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई के नियमों के उल्लंघन करने में सबसे पहले एसबीआई का ही नाम आता है. इस बैंक ने यहां तक की डिजिटल लेन-देन में भी ग्राहकों को चार निकासी के बाद 17.70 क रुपए का चार्ज वसूला है.
6 साल में 308 करोड़ की वसूली
बैंक वित्तवर्ष रकम(रुपए में )
एसबीआई 2015 4.7 करोड़
एसबीआई 2016 12.4 करोड़
एसबीआई 2017 26.3 करोड़
एसबीआई 2018 34.7 करोड़
एसबीआई 2019 72 करोड़
एसबीआई 2020 158 करोड़
क्या कहता है RBI का नियम
भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक बीएसबीडी अकाउंट यानी बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट जब तक सेविंग अकाउंट में है कोई भी बैंक इस खाते पर किसी तरह का चार्ज नहीं वसूल सकता है. आरबीआई के नियमों के मुताबिक बैंक इस तरह के खातों पर किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लगा सकता है. चार निकासी के बाद भी इनपर कोई शुल्क लेना सही नहीं है.
कहते हैं जानकार
बैंकिंग एक्सपर्ट अश्विनी राणा ने बताया कि केवल इस तरह के खाते ही नहीं बल्कि कई और भी खातों को लेकर ऐसे कई मामले आए हैं. दरअसल बैंकों में सर्विस चार्ज सिस्टम जेनरेटेड लगते हैं. बैंक समय समय पर गलत लगे चार्ज को वापिस भी करते हैं. यदि किसी खाते में कोई चार्ज गलती से लगा है तो खाता धारक को बैंक को सूचित करना चाहिए ताकि बैंक उसे रिवर्स कर सकें.
इन चार्जों के नाम पर भी बैंक करते हैं वसूली
बैंक स्टेटमेंट के नाम पर
बैलेंस चेक करने के नाम पर
मिनी स्टेटमेंट पर भी लगता है चार्ज
लिमिट विदड्राल के बाद
होम ब्रांच और नॉन होम ब्रांच के नाम पर
मोबाइल अलर्ट या पिन जेनरेट करने के नाम पर
नया एटीएम कार्ड लेने पर
चेक का स्टेटस जानने पर
पैसे ट्रांसफर करने का चार्ज
कार्ड पिन रिसेट चार्ज
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