Site icon Memoirs Publishing

भाजपा ने इस बार बदला चुनावी पैतरा कांग्रेस को पटकनी देने की रणनीति हुई कारगर

भाजपा ने इस बार बदला चुनावी पैतरा,कांग्रेस को पटकनी देने की रणनीति हुई कारगर

सल्ट उपचुनाव में भाजपा की अग्निपरीक्षा में महेश जीना क्लीन स्वीप

भाजपा ने इस बार बदला चुनावी पैतरा

कांग्रेस को पटकनी देने की रणनीति हुई कारगर

भाजपा की चुनावी रणनीति 2022 की तैयारी

जीना परिवार हर मोहरे पर खरा

सल्ट : करीब 95 हजार वोटर्स वाली अल्मोडा जिले की सल्ट विधानसभा सीट ठाकुर बाहुल्य सीट मानी जाती है. राज्य के पहले विधानसभा चुनाव-2002 में कांग्रेस के रणजीत रावत यहां से विधायक बने. इस बीच 2007 के परिसीमन में भिकियासैंण सीट को सल्ट में मर्ज कर दिया गया. 2007 के बाद से इस सीट पर वर्तमान तक बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का दबदबा रहा. वे 2007, 2012, 2017 का चुनाव लगातार जीतते आ रहे थे. लेकिन, दुर्भाग्य से कोरोना संक्रमण के कारण इसी महीने जीना का दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया.था


हरीश रावत के सीएम रहते रणजीत रावत उनके राइट हैंड हुआ करते थे. लेकिन रावत की सीएम पद से विदाई के बाद दोनों नेताओं में खटपट शुरू हो गई. हरीश रावत के ताजा बयान को भी बहुत कुछ इसी कटुता से जोड़कर देखा जा रहा है. दूसरा पहलू ये भी है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले होने वाले इस उपचुनाव में कांग्रेस रिस्क नहीं लेना चाहेगी. जीना के निधन के बाद सल्ट में बीजेपी को सिम्पैथी वोट पड़ेगा. ऐसा माना जा रहा है कि सिम्पैथी की इस लहर में अगर कांग्रेस हवा हो गई, तो 2022 का चुनाव भी उसके लिए कठिन हो जाएगा

सल्ट में सुरेंद्र सिंह जीना बेहद लोकप्रिय थे और जीना के बाद पार्टी का जो भी कंडिडेट होगा, जनता उसे ही आर्शीवाद देगी इधर कांग्रेस में भी हलचल है. पिछले 15 सालों से सल्ट से राजनीतिक बनवास झेल रहे पूर्व विधायक रणजीत रावत यहां अपने बेटे ब्लाक प्रमुख विक्रम रावत को आगे कर सकते हैं. सूत्रों के अनुसार 2017 में भी उन्होंने विक्रम रावत के लिए टिकट मांगा था, लेकिन तब पार्टी ने गंगा पंचोली को उम्मीदवार बनाया था पंचोली तब मात्र ढाई हजार वोटों के अंतर से सुरेंद्र सिंह जीना से चुनाव हार गई थी. लेकिन, इस बीच पूर्व सीएम हरीश रावत के एक बयान ने कांग्रेस में हलचल मचा दी है. हरीश रावत का बयान आया है कि उनका व्यक्तिगत मत है कि कांग्रेस को इस सीट को स्वर्गीय जीना को समर्पित कर देना चाहिए. इससे सल्ट विधानसभा में एक बार फिर पांव जमाने की जुगत में लगे रणजीत रावत को झटका लग सकता है.

Share this content:

Exit mobile version