कुंभ के पहले शाही स्नान पर कोरोना प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां
हरिद्वार। कुंभ के पहले शाही स्नान पर कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ी। पार्किंग से लेकर गंगा घाटों और अस्थायी बस अड्डों पर शारीरिक दूरी मानकों का पालन होता नहीं दिखा। बड़ी संख्या में श्रद्धालु बगैर मास्क के ही मेला क्षेत्र में घूमते दिखे। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की ओर से बॉर्डर और मेला क्षेत्र में 60 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की कोविड जांच का दावा किया गया। इनमें 214 श्रद्धालु पॉजिटिव आए। स्थानीय श्रद्धालुओं को होम आइसोलेट किया गया। बाहर के श्रद्धालुओं को गुरुकुल आयुर्वेदिक कॉलेज, बाबा बर्फानी आदि कोविड केयर सेंटरों में भर्ती कराया गया।
कुंभ के पहले शाही स्नान पर 31 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। केंद्र और राज्य सरकार की एसओपी और हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में स्नान को आने वाले सभी श्रद्धालुओं का पंजीकरण और 72 घंटे पूर्व की कोविड आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई थी। इसके साथ ही कुंभ स्नान को आने वाले श्रद्धालुओं से कोविड गाइडलाइन का पालन करने की अपील की गई थी।
ऋषिकुल, देवपुरा चौक, शिवमूर्ति आदि स्थानों पर श्रद्धालु हरकी पैड़ी की ओर जाने के लिए सुरक्षाकर्मी और स्वयंसेवकों से उलझते दिखे। इतना ही नहीं पार्किंग, अस्थायी बस अड्डा और स्नान घाटों पर भी श्रद्धालु शारीरिक दूरी आदि मानकों का पालन करते नहीं दिखे। हालांकि मेला पुलिस की ओर से जिले के नारसन, चिड़ियापुर समेत सभी 11 बॉर्डर पर पंजीकरण और आरटीपीसीआर रिपोर्ट की जांच की व्यवस्था की गई। मेला पुलिस के दावों के मुताबिक अधिकांश श्रद्धालु आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लेकर आए थे।
हीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर से रैंपिड एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच की गई। जिला स्वास्थ्य विभाग की 100 से अधिक टीम ने शाम तक 40064 रैपिड एंटीजन और 2327 आरटीपीसीआर जांच की। इसमें 112 पॉजिटिव आए। वहीं, मेलाधिकारी स्वास्थ्य डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर ने गंगा घाट समेत मेला क्षेत्र में 16370 व्यक्तियों की एंटीजन और 1799 की आरटीपीसीआर जांच कराने का दावा किया है। इनमें 102 श्रद्धालु पॉजिटिव आए।
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