Site icon Memoirs Publishing

गंगोत्री धाम में खतरा बना भागीरथी के तल में जमा मलबा

गंगोत्री धाम में खतरा बना भागीरथी के तल में जमा मलबा

गंगोत्री धाम में गंगा भागीरथी नदी तल में जमा भारी मलबे के कारण तटवर्ती बस्ती पर खतरा मंडरा रहा है। नमामि गंगे परियोजना के तहत धाम में गंगा भागीरथी के दाहिने छोर पर तो सुरक्षा दीवार और घाटों का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन दूसरे छोर पर सिर्फ मलबे के ढेर लगाए जा रहे हैं। जिससे गंगा भागीरथी में पानी बढ़ने पर तटवर्ती भवनों के लिए खतरा पैदा होने व स्नान की व्यवस्थाएं प्रभावित होने से तीर्थ पुरोहितों में रोष है।

बीते सालों में अतिवृष्टि के कारण गंगोत्री धाम में गंगा भागीरथी के नदी तल पर भारी मलबा जमा हो गया है। वर्तमान में यहां नमामि गंगे परियोजना के तहत इंडोरामा चैरिटेबल ट्रस्ट के सीएसआर फंड से वाप कोस कंपनी द्वारा स्नान घाट एवं सुरक्षा दीवारों का निर्माण कराया जा रहा है। इसके तहत गंगा भागीरथी के दाहिने छोर पर ही सुरक्षा दीवार एवं घाट बनवाए जा रहे हैं, जबकि दूसरे छोर की बस्ती को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। जबकि बीते सालों में गर्मी एवं बरसात के सीजन में गंगा भागीरथी में पानी बढ़ने पर हुए कटाव से बाएं छोर की बस्ती के दर्जनों भवन खतरे की जद में है।

गंगोत्री निवासी रविंद्र सेमवाल, शैलेष सेमवाल, सत्येंद्र सेमवाल, विपिन सेमवाल, दिनेश सेमवाल आदि तीर्थ पुरोहितों ने बताया कि गंगोत्री में चल रहे घाट एवं सुरक्षा दीवार निर्माण के लिए मौनी बाबा आश्रम वाले हिस्से में खुदाई कर गंगा भागीरथी के प्रवाह को दूसरी ओर मोड़ा गया है। साथ ही नदी के बाएं छोर वाले हिस्से में मलबे के ढेर लगाए जा रहे हैं, जिससे नदी में पानी बढ़ने पर इस बस्ती के लिए खतरा बढ़ गया है। उन्होंने डीएम को पत्र लिखकर गंगोत्री में व्यवस्थित ढंग से कार्य कराने व नदी के दूसरे छोर पर भी सुरक्षा दीवार एवं स्नान घाट का निर्माण कराने की मांग की है।

Share this content:

Exit mobile version