देहरादून। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है। प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद लोगों में डर है। बीस से अधिक सेशन साइट पर रोजाना लक्ष्य से एक चैथाई ही व्यक्ति टीकाकरण के लिए पहुंच रहे हैं। उपजिलाधिकारी की ओर से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के कर्मचारियों के अलावा जनप्रतिनिधियों से भी टीकाकरण में सहयोग की अपील की गई है।
दून में कोरोना का कहर जारी है। क्षेत्र में शासन-प्रशासन के साथ-साथ ग्रामीण भी कोरोना को लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं। हरिद्वार में कोरोना के बीच एक बार फिर 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ सरकारी दफ्तरों को खोला गया है। कोरोना से बचाव के लिए नई-नई तरकीब निकाली जा रही है। वहीं, हल्द्वानी में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पुलिसकर्मियों, डॉक्टरों और फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स को निशुल्क गिलोय और अन्य औषधियों से बना काढ़ा पिलाया जा रहा है। जिससे वह कोरोना से बचे रहें।
कोरोना के कहर से प्रदेशवासी डरे हुए हैं। क्योंकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है। ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का पूरा ध्यान वैक्सीनेशन और टेस्टिंग पर है। लेकिन आमजन अभी भी वैक्सीनेशन को लेकर उदासीन नजर आ रहे हैं। सीएचसी लक्सर और खानपुर के अलावा स्वास्थ्य विभाग की ओर से नगर व देहात क्षेत्र में ग्राम पंचायतों में सेशन साइट बनाकर ग्रामीणों को टीका लगाया जा रहा है। प्रत्येक सेशन साइट पर प्रतिदिन सौ लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
लेकिन अधिकांश सेशन साइट पर तीस फीसदी तक ही लोगों का टीकाकरण हो पा रहा है। लक्सर में उप जिलाधिकारी के निर्देश पर चिकित्सा और पुलिस विभाग ने अस्पतालों, क्लीनिकों का औचक निरीक्षण किया। एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के कर्मचारियों के अलावा जनप्रतिनिधियों और गणमान्य व्यक्तियों को अभियान से जोड़कर टीकाकरण को और तेज किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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