महाकुंभ शुरू: 30 दिन में होंगे 13 शाही स्नान, कोरोना टेस्ट जरूरी
उत्तराखंड के हरिद्वार में आज यानी गुरुवार से महाकुंभ मेले का आगाज हो गया है. सरकारी नोटिफिकेशन के अनुसार महाकुंभ आज से शुरू हुआ है. यह महाकुंभ 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा. इस एक महीने में पांच बड़े स्नान होंगे, जिसमें 13 अखाड़े शाही स्नानों में हिस्सा लेंगे. सात संन्यासी, तीन वैरागी, दो उदासीन, एक निर्मल अखाड़ों से जुड़े संत स्नान करेंगे. जूना अखाड़े से जुड़ा किन्नर अखाड़ा भी स्नान करेगा.
मेला अधिकारी और आईजी आज हरकी पैड़ी पर गंगा आरती करेंगे और कोरोना को लेकर महाकुंभ में विशेष सतर्कता बरती जा रही है. कुंभ क्षेत्र में आने वाले यात्रियों की बॉर्डर पर ही कोविड टेस्ट होगा. घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए मास्क पहनना जरूरी है. इतना ही नहीं 12 राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड रिपोर्ट लानी होगी.
सरकार पर जहां एक तरफ मेले में कानून व्यवस्था बनाए रखने और श्रद्धालुओं को गंगा स्नान कराने जिम्मेदारी है. वहीं कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच श्रद्धा के जनसैलाब में कोरोना को रोकना भी बड़ी चुनौती है. पिछले लंबे समय से कुंभ मेले को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. त्रिवेंद्र सरकार ने मेले पर कोरोना का खतरा मंडराते देख कई प्रतिबंध लगाए थे. वहीं नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कमान संभालने के बाद सभी तरह के प्रतिबंधों को हटा दिया था, लेकिन अब एक बार फिर उत्तराखंड हाई कोर्ट के निर्देश के बाद कुंभ मेले में हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 72 घंटों के भीतर की कोरोना जांच रिपोर्ट और रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है.
कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल का कहना है की सरकार की ओर से जारी एसओपी का पूरा पालन किया जाएगा। जिले के बॉर्डर पर हेल्थ स्टॉफ के साथ साथ अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा. जहां जांच की प्रक्रिया होगी अगर कोई व्यक्ति बॉर्डर पर कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे आइसोलेट किया जाएगा.
बढ़ाई जाएंगी कोरोना की जांचें
कुंभ मेला क्षेत्र में कोरोना के लगातार बढ़ते मामले स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. केंद्र सरकार की महामारी की निगरानी करने वाली संस्था एनसीडीसी और उत्तराखंड हाई कोर्ट के स्पष्ट निर्देश है कि कुंभ मेला क्षेत्र में कम से कम 50 हजार जांचें हर दिन की जानी चाहिए, लेकिन कुंभ मेले के स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स नहीं है. फिलहाल मेला क्षेत्र में 10 हजार से भी कम जांचें हर दिन की जा रही है. कुंभ मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अर्जुन सिंह सेंगर का कहना है कि मेला क्षेत्र में जांचों की संख्या अधिक से अधिक बढ़ाई जाएगी.
एसओपी से होटल व्यवसायी मायूस
कुंभ मेले के दौरान मेला क्षेत्र में कोरोना को बढ़ने में रोकने के लिए होटल धर्मशाला संचालकों के साथ भी मेला प्रशासन समन्वय बनाकर चल रहा है. मेला प्रशासन के अधिकारियों ने होटल धर्मशाला के मालिकों से कई चरणों की बैठक कर उन्हें जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं. होटल स्टॉफ को हर यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग करने और मास्क सैनिटाइजर का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कराने और किसी भी यात्री की तबीयत बिगड़ने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचना देने के निर्देश दिए हैं. तो वहीं कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं पर कई शर्तें लग जाने से होटल संचालक भी मायूस हैं.
हरिद्वार के एक होटल स्वामी विभास मिश्रा का कहना है कि लंबे समय से हरिद्वार में व्यापार ठप पड़ा हुआ है. कुंभ मेले से काफी आस थी। लेकिन अब व्यापारियों और होटल मालिकों में मायूसी है. सरकार को होटल इंडस्ट्री के लिए विशेष पैकेज देना चाहिए.
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