आंशिक लॉकडाउन लागू कर दिया गया, जिसके चलते अब प्रवासी श्रमिकों सता रही चिंता
जयपुर, कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बढ़ रही संक्रमितों की संख्या, अस्पतालों में लगी लंबी कतारों और आंशिक लॉकडाउन के चलते भय का माहौल है। राजस्थान में अन्य राज्यों के मजदूर एक बार फिर पलायन करने लगे हैं। प्रदेश के भी ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में रोजगार के लिए आए श्रमिक अपने घर लौट रहे हैं। अपने घर लौटते श्रमिकों को चिंता इस बात की है कि कहीं पिछले साल की तरह संपूर्ण लॉकडाउन लगा तो भूखे-प्यासे पैदल नहीं चलना पड़े। कोविड की गाइडलाइन के निर्देशों के तहत सरकार ने निर्माण कार्य, बाजार और फैक्ट्रियां बंद करा दी । होटलों में अब बाहर से लोग आ नहीं रहे। इस कारण लोग अपने घर की तरफ पलायन करने लगे हैं । अपने शहर-गांव जाने के लिए लोगों की कतारें बसों व ट्रेन के इंतजार में नजर आ रही है। इसी तरह गुजरात और दिल्ली में रोजगार के लिए गए राजस्थान के सिरोही, बांसवाड़ा, जालौर, डूंगरपुर जिलों के लोग बड़ी संख्या में वापस अपने घर आ रहे हैं।
मनमाना किराया वसूल रहे हैंं चालक
बांसवाड़ा से राजस्थान आने वालों की रतनपुर बॉर्डर पर भीड़ नजर आ रही है। यही हाल दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से आने वालों का है। अपने घर वापस आने वालों को आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट देखने के बाद प्रदेश की सीमा में प्रवेश दिया जा रहा है। बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जाने वालों की बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर भीड़ दिखाई दे रही है। हालांकि इस बार राहत की बात यह है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट चल रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में यह बंद हो गए थे। हर दिन बिगड़ रहे हालातों के बीच निजी बस संचालक दो से तीन गुना किराया वसूल रहे हैं। जो निजी बसें पहले शहरों से गांवों के बीच चलती थी, वे अब बॉर्डर पार कर दूसरे राज्यों में जा रही है । इसके लिए चालक अपनी इच्छा से किराया वसूल रहे हैं।
ट्रेनों में लंबी वेटिंग, सरकारी बसों का संचालन हुआ कम
इसका मुख्य कारण ट्रेनों में लंबी वेटिंग और सीमित संख्या होना है। सरकारी बसों का संचालन कम होने की वजह से भी निजी बस संचालक मनमानी कर रहे हैं। एक यात्री की सीट पर दो सवारी बिठा रहे हैं। राजस्थान रोड़वेज की अब 700 बस चल रही है, जबकि दो माह पहले तक 1300 बसें चल रही थी । रोडवेज प्रबंधन का कहना है कि भय के कारण चालक ड्यूटी नहीं आ रहे । रोड़वेज के सीएमडी राजेश्वर सिंह हालात पर निगरानी रख रहे हैं। राजस्थान रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसों का संचालन भी कम हुआ है। प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि लोगों को बसों की कमी नहीं आने दी जाएगी । जो भी जाना चाहेगा उसे वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे, वैसे राजस्थान सरकार हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है।
बिहार, प.बंगाल व यूपी जाने वालों की संख्या ज्यादा
राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, अलवर, राजसमंद व कोटा में काम करने वाले श्रमिक व अन्य लोगों में बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश जाने वालों की संख्या ज्यादा है। अन्य शहरों से लोग जयपुर आ रहे हैं और फिर यहां से पटना, गोरखपुर, लखनऊ, हावड़ा, कलकत्ता, आगरा व मथुरा जा रहे हैं । सामान्य दिनों में जयपुर से इन शहरों का किराया 600 से 1100 रूपए तक था। अब निजी बस संचालक 1300 से 1800 रूपए तक वसूल रहे हैं। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा का कहना है कि सरकार ने लोगों के लिए चिकित्सा व अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवा रखी है। किसी भी व्यक्ति को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
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