जिंदगी की जंग में साथ दें, दोषी न ठहराएं: भावना
कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
हर शहर में हेल्पग्रुप बना कर करें एक दूसरे की मदद
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा है कि कोरोना के साथ हमारी जिंदगी की जंग चल रही है। ऐसे में एक-दूसरे पर दोषारोपण की बजाए व्यवस्थाओं को सुधारने की जरूरत है। साथ मिलकर काम किया जाना चाहिए। उन्होंने नेताओं से अपील की कि जनता सबकी है। इस कठिन समय में मरीजों की मदद करें। उन्होंने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को सलाह दी है कि वो केजरीवाल सरकार पर दोषारोपण करने की बजाए समाधान तलाशें। जनता बिना इलाज और आक्सीजन के दम तोड़ रही है। ऐसे बयानों से उन लोगों की आत्माओं को दुख पहुंच रहा है जिनके परिजनों का कोरोना की वजह से निधन हुआ है।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि दिल्ली में कोरोना का कहर है। अस्पतालों में जगह नहीं है। मरीजों को आक्सीजन नहीं मिल रही है। दवाएं नहीं मिल रही हैं। इलाज नहीं मिल रहा है। बत्रा, जयपुर गोल्डन समेत सभी अस्पतालों में त्राहि-त्राहि मची है। उधर, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा इसके लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को दोषी ठहरा रहे हैं। यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता केंद्र की भी हैं और राज्य की भी। जरूरत इस बात की है कि मरीजों को इलाज मिले और उन्हें आक्सीजन की कमी न हो। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में मिलकर लड़ने की जरूरत है।
भावना पांडे ने कहा कि दवाओं और आक्सीजन की कालाबाजारी को रोकने की जरूरत है। केंद्र और राज्य सरकारों को कालाबाजारी करने वालों से सख्ती से निपटना चाहिए। कालाबाजारी करने वालों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें गैर जमानती धाराअें में तुरंत गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर के इंजेक्शनों पर भारी कालाबाजारी हो रही है। ऐसे में गरीब मरीज की जान जाएगी। भावना पांडे ने चिन्ता जतायी कि लोग हवा भी बेच रहे हैं। कालाबाजारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तो सभी को पता है कि इंसान अपने साथ में कुछ नहीं ले जाता है, यदि लगे कि साथ भी ले जा सकते हैं तो इंसान कितनी लूट-खसोट करेगा? भावना पांडे ने कालाबाजारी करने वालों से कहा कि ईश्वर की लाठी में आवाज नहीं होती। कहीं उनके परिजनों को इस कालाबाजारी की सजा न भुगतनी पड़े।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि पिछले एक साल से चल रहे कोरोना के कारण लोगों की नौकरियां छूट गयी हैं। बिजनेस ठप हैं। ऐसे में वो ब्लैक में रेमडेसिविर जैसे महंगे इंजेक्शन ब्लैक में कैसे ले सकते हैं? उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल को जनता की परवाह नहीं है। उन्हें इलेक्शन की चिन्ता है वो प्रधानमं़ी बनने के सपने देख रहे हैं। जनता के लिए फुरसत कहां हेै। केवल टीवी में प्रचार कर रहे हैं। भावना पांडे ने सुझाव दिया कि दिल्ली में रहने वाले उत्तराखंडी एक ग्रुप बनाएं और एक-दूसरे की मदद करें।
भावना पांडे ने उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों को दोषी ठहराया है। उनहोंने कहा कि दोनों दलों ने दस-दस साल राज किया है। ऐसे में यदि कांग्रेस अब भाजपा से सवाल पूछ रही है कि एक हजार बेड का अस्पताल क्यों नहीं बनाया तो कांग्रेस को भी जवाब देना चाहिए कि आखिर उन्होंने अपने शासन काल में कितने अस्पताल बनाए और स्वास्थ्य सेवाओं में क्या सुधार किया? उन्होंने कहा कि प्रदेश की बदहाली के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ही जिम्मेदार हैं।
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